जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से बुरहानपुर की नवलसिंह सहकारी शकर कारखाना समिति को राहत मिल गई है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने समिति के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को भंग करने के 29 अक्टूबर को जारी किए गए शोकाज नोटिस पर रोक लगा दी है। एकल पीठ ने राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
नवलसिंह सहकारी शकर सहकारी समिति की चेयरपर्सन किशोरी देवी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि घाटे के कारण सहकारिता विभाग ने 29 अक्टूबर को शोकाज नोटिस जारी कर बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को भंग कर उनके कार्य पर रोक लगाने के लिए कहा है। अधिवक्ता संजय वर्मा ने दलील दी कि कोरोना संक्रमण के कारण लाकडाउन लागू होने की वजह से सभी कारखाने घाटे में चल रहे है। ऐसे में नवलसिंह सहकारी शकर कारखाना समिति के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सोसायटी अधिनियम 53 (3) के अनुसार सहकारिता विभाग केवल उन सोसायटी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को भंग कर सकता है, जिसमें सरकार का निवेश हो। नवलसिंह सहकारी शकर कारखाना समिति में सरकार का निवेश नहीं है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने समिति के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को भंग करने के शोकाज नोटिस पर रोक लगा दी है।
नाबालिग का अपहरण कर छेड़छाड़ करने वाले को पांच साल का कारावास : विशेष न्यायाधीश ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर छेड़छाड़ के आरोपित हनुमानताल, जबलपुर निवासी मोहम्मद आरिफ उर्फ राजू को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपित पर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन के मुताबिक हनुमानताल थाना निवासी एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 15 मार्च, 2015 को शाम छह बजे उसकी बेटी घर के सामने खेल रही थी। उसे फरहान और रफीक नामक युवकों ने जानकारी दी कि उसकी बेटी कब्रिस्तान के पास खड़ी है। जब वह पहुंची तो उसकी बेटी रो रही थी। उसके कपड़े फटे हुए थे। युवकों ने बताया कि मोहम्मद अारिफ उर्फ राजू उसकी बेटी के साथ गलत हरकत कर रहा था। वह उन्हें देखकर भागने लगा। युवकों ने उसे पकड़ लिया। इसके आधार पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धारा पाक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया। विशेष लोक अभियोजक मनीषा दुबे के तर्क सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपित को पांच साल के कारावास की सजा और तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।