नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। रांझी थाना क्षेत्र निवासी एक चिकित्सक को शातिर ठग ने फोन किया और स्वयं को एनसीसी अधिकारी बताया। एनसीसी कैडेट के स्वास्थ्य परीक्षण करने का आग्रह किया जिसके बाद चिकित्सक परीक्षण के लिए तैयार हो गए। तब आरोपित ने उन्हें परामर्श शुल्क का नियम बताकर उनके मोबाइल फोन पर एक लिंक भेजा। ऑनलाइन लिंक को क्लिक करते ही चिकित्सक के खाते से एक लाख 25 हजार 41 रुपये गायब हो गए।
मानेगांव तुलसी नगर निवासी डॉ. आलोक कुमार घोष 80 वर्ष के फोन पर 10 जुलाई को सुबह लगभग 11 बजे एक व्यक्ति ने कॉल किया। उसने स्वयं को एनसीसी का अधिकारी बताया। उसके बाद एनसीसी कैडेटों के स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए डॉ. घोष से आग्रह किया। एनसीसी सुनकर चिकित्सक बिना किसी परामर्श शुल्क के कैडेटों का स्वास्थ्य परीक्षण करने की सहमति प्रदान कर दिया।
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इसके बाद फोन करने वाले छद्म एनसीसी अधिकारी ने उन्हें शासकीय व्यवस्था की गाइड लाइन का बोलकर 49 रुपये शुल्क भुगतान किया जाना अनिवार्य बताया। उसके बाद चिकित्सक के फोन पर ई वालेट पर शुल्क भुगतान का ऑनलाइन लिंक भेजा। बोला कि उस पर क्लिक करते ही उन्हें परामर्श शुल्क की राशि उनके अकाउंट में पहुंच जाएगी। ऑनलाइन लिंक पर क्लिक करते ही चिकित्सक के आइडीबीआइ बैंक के खाता में दो बार ट्रांजेक्शन हुए। एक बार 99 हजार 557 रुपये और दूसरी बार में 25 हजार 484 रुपये कट गए।
रुपये प्राप्त होने के बजाय बैंक से रुपये कटने का फोन पर संदेश आया तो चिकित्सक ने एनसीसी अधिकारी बनकर बात करने वाले व्यक्ति से पुन: संपर्क किया। जिस पर शातिर आरोपित ने चिकित्सक को झांसा दिया कि वह रुपये वापस उनके खाते में आ जाएंगे। लेकिन जब उनके खाते रुपये नहीं पहुंच और उस अनजान व्यक्ति ने फोन उठाना बंद कर दिया तो चिकित्सक को ऑनलाइन धोखाधड़ी की आशंका हुई। वह गुरुवार की रात को रांझी थाने पहुंचे। मामले में एफआईआर पंजीबद्ध की गई है। अज्ञात आरोपित की फोन नंबर के आधार पर तलाश की जा रही है।