नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट डीपी सूत्रकार ने सार्वजनिक सभा में ‘चोर पाठक‘ कहकर अपमानित करने के मामले को बेहद गंभीरता से लिया। इसके साथ देवसर के विधायक राजेंद्र मेश्राम के विरुद्ध संज्ञान आधार पर मानहानि का प्रकरण पंजीबद्ध करने का आदेश पारित कर दिया, साथ ही आरोपित को चार अगस्त को हाजिर होने के निर्देश भी दे दिए।
परिवादी देवेंद्र उर्फ दरोगा पाठक की ओर से दलील दी गई कि सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत बंधा के ग्राम गोंडबहरा तहसील सरई में 18 जून, 2024 को स्कूल चलो अभियान के परिप्रेक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। लगभग 500 श्रोताओं के मध्य विधायक देवसर राजेंद्र मेश्राम संबोधित करने खड़े हुए।
उन्होंने परिवादी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आपके क्षेत्र में देवेंद्र कुमार उर्फ दरोगा पाठक है, जो कंपनी के विरुद्ध लोगों को भड़काता है। कंपनी से कमीशन चाहता है। वह 420 और चोर है। इसका नाम उसके दादा ने दरोगा पाठक गलत रख दिया है। इनका नाम चोर पाठक होना चाहिए। इस इलाके को लूट रहा है। ऐसे व्यक्ति को जीने का अधिकार नहीं है।
अधिवक्ता ब्रहमेंद्र पाठक ने अदालत को अवगत कराया कि यह भाषण सुनकर श्रोताओं को बहुत बुरा लगा। इसके बावजूद किसी ने रिकार्ड पर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया। इससे परिवादी की प्रतिष्ठा धूमिल हुई। उसकी अपूर्णीय मानहानि हुई।
दरअसल, परिवादी व अनावेदक विधायक कोयला उत्खनन के लिए गठित भूमि अर्जन समिति में सदस्य हैं। परिवादी ने भू-अर्जन के समय दिए गए आश्वासनों का पालन न होना व्यक्त किया था। इसी बात को लेकर विधायक राजेंद्र मेश्राम नाराज थे। मीटिंग में धमकी दी थी कि परिवादी को देख लेंगे।
इसके बाद उक्त सभा में अनावेदक द्वारा परिवादी के ऊपर गंभीर व मनढ़ंगत आरोप लगाकर मानहानि कारित की गई। अनावेदक के उक्त कृत्य से व्यथित होकर परिवाद दायर किया गया है। कोर्ट में संबंधित सीडी प्रस्तुत की गई। इसके साथ धारा 65-बी साक्ष्य अधिनियम का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया गया।
सीडी को चलाकर सुना गया। अदालत के समक्ष सभा में उपस्थित सिपाहीलाल वैश्य, सुखेन्द्र गुर्जर निखिल तिवारी, उमाशंकर प्रसाद वर्मा, मुन्ना सरकार गुप्ता के कथन कराए गए। जिसमें सभी ने अनावेदक राजेन्द्र मेश्राम द्वारा आमसभा में कही गई अपमानजनक बातों का समर्थन किया। बिना किसी आधार के सार्वजनिक सभा में किसी व्यक्ति को चोर कहना मानहानि की श्रेणी में आता है।