जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जिला उपभोक्ता आयोग ने अपने एक आदेश में साफ किया कि क्लेम राशि में अनावश्यक कटौती सेवा में कमी के दायरे में आती है। लिहाजा, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी आवेदक हेमंत कुमार पटेल के क्लेम में कटौती की गई राशि 32 हजार 533 रुपये का भुगतान करे। साथ ही मानसिक पीड़ा व मुकदमे के खर्च के रूप में आठ हजार रुपये का अलग से अदा करे।
मामले की सुनवाई के दौरान आवेदक राम नगर, रामपुर, जबलपुर निवासी हेमंत कुमार पटेल की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार जैन व विक्रम जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी ने कार के क्लेम की राशि एक लाख 47 हजार 533 रुपये में से महज एक लाख 15 हजार रुपये का भुगतान किया। जबकि 32 हजार रुपये की कटौती कर ली गई। सवाल उठता है कि जब निल डेप्रीसियेशन का इंश्योरेंस अर्थात किसी घटना-दुर्घटना की सूरत में ओडी क्लेम में इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कटौती नहीं की जा सकती, तो फिर बीमा कंपनी ने मनमानी कैसे की।
इसी रवैये के खिलाफ उपभोक्ता आयोग की शरण ली गई है।समस्त बिंदुओं पर गौर करने के बाद आवेदक के हक में आदेश पारित कर दिया गया।। रेमडेसिविर की कालाबाजारी में एनएसए की कार्रवाई निरस्त : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में सीहोर निवासी नरेन्द्र सिंह के खिलाफ की गई एनएसए की कार्रवाई निरस्त कर दी है।न्यायमूर्ति सुजय पॉल व जस्टिस अनिल वर्मा की युगलपीठ ने कहा कि एनएसए की कार्रवाई में संवैधानिक प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। सीहोर कलेक्टर ने 7 जून 2021 को नरेन्द्र सिंह के खिलाफ रेमडेसिविर इंजेक्क्शन की कालाबाजारी के मामले में एनएसए की कार्रवाई की थी। अधिवक्ता विजय शुक्ला की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने एनएसए की कार्रवाई निरस्त कर दी है।