जबलपुर के केंद्रीय कारागार में बंदी बना रहे ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा
केंद्रीय कारागार में इस वर्ष भी बंदियों द्वारा ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। जो निश्शुल्क वितरण किया जाएगा।
By Brajesh Shukla
Edited By: Brajesh Shukla
Publish Date: Thu, 26 Aug 2021 11:30:00 AM (IST)
Updated Date: Thu, 26 Aug 2021 11:30:59 AM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार में हर साल की तरह इस बार भी ईको फ्रेंडली गणेश मूर्ति बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसका उद्देश्य है कि जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और मूर्ति नहीं ले पाते उनको इसका लाभ मिल सके और वह गणेश मूर्ति को अपने घर में ले जाकर उनका पूजन कर सकें। जिसके चलते इन मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि कोरोना में बंदियों को पेरोल पर छोड़ा गया है, उनमें से कुछ बंदी ऐसे भी है, जो अच्छे मूर्तिकार हैं, इसके बाद जेल में अन्य मूर्ति बनाने वाले बंदियों ने इसका जिम्मा उठाया और मूर्तियों का निर्माण कार्य शुरू किया।
शुद्ध काली मिट्टी और गोबर से निर्मित हो रही मूर्ति : जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने बताया कि गणेश मूर्ति बनाने का कार्य शुरू हो गया है। इसमें कई मूर्ति बना भी ली गई हैं, जल्द ही उसे पूर्ण रूप दिया जाना है। यह मूर्तियां बगीचे काली मिट्टी और जेल में स्थित गोशाला से गोबर मिलाकर तैयार की जा रही है। इसमें रंग भी प्राकृतिक ही उपयोग किए जा रहे हैं।
मूर्ति ले जाने वालों के लिए रहेगी शर्त : जेल अधीक्षक ताम्रकार ने बताया कि जेल से मूर्तियां ले जाने वालों के लिए एक शर्त रहेगी कि वह गणेश प्रतिमा का पूजन कर उनका विसर्जन घर में ही करेंगे, इसी शर्त के साथ ही गणेश प्रतिमाएं दी जाएंगी। इसका कोई शुल्क नहीं होता है। इस बार यह भी कोशिश की जा रही है कि अधिक से अधिक प्रतिमाएं बनाई जाएं और उसे वितरण का समय भी दिया जाएगा। वहीं गणेश प्रतिमा लेने आने वालों को कोरोना नियमों का भी पूरा पालन करना होगा।