नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। गत कुछ वर्षों में दौलत की शोहरत में चमकने वाले बिल्डर रोहित तिवारी के घर के संकरे रास्तों से होकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पहुंची थी। जहां, बस्ती के बीच उसका आलीशन घर बना था। ईडी को जांच में घर के अंदर लग्जरी सामान और सुविधाएं मिली है।
शुक्रवार को सुबह से देर रात तक लगभग 17 घंटे तक ईडी के अधिकारी रोहित के घर पर डेरा डाले रहे। उसके रियल एस्टेट से संबंधित व्यापार की जानकारियों को खंगाला। जांच में रोहित के प्रोजेक्ट में निवेश को लेकर कई डाक्यूमेंट मिले हैं। कांग्रेस के पूर्व मंत्री, भाजपा के एक विधायक और पुलिस अधिकारियों से व्यापारिक संबंधों को लेकर पूछताछ हुई है।
कई संदिग्ध अभिलेखों को ईडी अपने साथ ले गई है, जिसमें निवेशकों के नाम और करोड़ों रुपये का लेखा-जोखा है। ईडी का दल अभिलेख सहित रोहित के घर से कुछ इलेक्ट्रानिक गैजेट अपने साथ लेकर गई है। ईडी को जांच में कई बिल्डिंग प्रोजेक्ट की जमीन में काली कमाई खपाने से संबंधित संदिग्ध डाक्यूमेंट मिले हैं।
रोहित के भोपाल और ग्वालियर में कुछ लोगों से संबंध होने को पता चला है। उसके दोनों नगर तक निरंतर आने-जाने की बात पता चली है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच एजेंसी के लपेटे में आए आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का रोहित रिश्तेदार होना बताया जा रहा है। सौरभ का ग्वालियर और भोपाल में घर और आना-जाना है।
रोहित के सतत संपर्क में रहे लोगों और उसके दूसरे नगरों में आने-जाने और मिलने वालों की जानकारी ईडी जुटा रही है। जांच में पता चला है कि बिल्डर बनने के बाद रोहित का लगातार भोपाल और ग्वालियर आना-जाना होता था। उसने पूछताछ में ग्वालियर और भोपाल में स्वजन होना बताया है।
संबंधित स्वजन के साथ व्यापारिक संबंधों के बारे में भी टटोला जा रहा है। ईडी की ओर से जांच पूरी नहीं होने तक रोहित को देश से बाहर जाने से मना किया गया है। पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर भोपाल उपस्थित होने निर्देश दिया। हालांकि इसकी आधिकारित पुष्टि नहीं की है।
जांच दल को पता चला है कि रोहित, दूसरे बिल्डरों के लिए लाइजनिंग का कार्य भी करता था। अन्य रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की मार्केटिंग भी करता था। उसके निवेश वाली प्रोजेक्ट की जानकारियों की भी विवेचना की गई है। यश बिल्डर के नाम से काम करने के साथ ही दूसरी कंपनियों में रोहित के होने का पता चला है।
चौकीताल में फार्म लैंड से लेकर माढ़ोताल में कुछ कॉलोनियों में भी निवेश से जुड़े डाक्यूमेंट जांचे जा रहे है। आशंका है कि सौरभ शर्मा की काली कमाई को रोहित के प्रोजेक्ट में लगाया गया है। जांचा जा रहा है कि जिनमें वह लाइजनिंग और मार्केटिंग का दावा कर रहा है, उसमें निवेशकों की सूची बनाई जा रही है।
दो बड़े आयोजन में सक्रिय था
विधानसभा चुनाव पूर्व में नगर में दो विधानसभा क्षेत्र में हुए अलग-अलग धार्मिक आयोजनों में रोहित की सक्रिय भागीदारी थी। यह आयोजन व्यापक पैमाने पर आयोजित किए गए थे। व्यवस्थाओं पर मोटी राशि खर्च हुई थी। इसकी जानकारी पर ईडी रोहित के गत 15 वर्ष के आयकर विवरणी की जांच करने की तैयारी कर रही है।
उसके आय-व्यय की गणना कर काली कमाई की स्थिति को जांचा जाएगा। जांच में रोहित के साथ व्यापारिक संबंधों को लेकर पूर्व अधिकारियों और नेताओं से संबंधित फर्म की आयकर विवरणी भी खंगाली जा सकती है।