नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर/सिहोरा: जिले के सिहोरा क्षेत्र में जालशाजी और हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां दूसरे धर्म की शादीसुदा महिला ने नाम बदलकर शिक्षक से शादी की। लूट की कोशिश में हत्या की बारदात को अंजाम दे दिया। पुलिस की जांच में मामले का खुलासा हुआ है।
जानकारी के अनुसार, जिले के मझौली के ग्राम पड़वार के अतिथि शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी (45 वर्ष) को विवाह का झांसा देकर उत्तर प्रदेश बुलाया गया। झांसा देकर बुलाने वाली खुशी असल में शाहिदा बानो निकली। वह विवाहिता थी। अपने पति कौशल और उसने मिलकर इंद्र कुमार को विवाह का झांसा देकर लूटने का षड्यंत्र रचा था।
बता दें कि आरोपी महिला का पति कौशल उसका भाई बनकर इंद्रकुमार के पास विवाह का रिश्ता लेकर गांव गया था। उसके पति ने इंद्र कुमार को विवाह के लिए रुपये और आभूषण लेकर कुशीनगर बुलाया। जहां, एक होटल में खुशी ने उसके साथ झूठा विवाह रचाया। फिर वह विवाह में मिले आभूषण लेकर भागने वाली थी, लेकिन इंद्र कुमार को उस पर संदेह हो गया। इस पर दंपती ने मिलकर इंद्रकुमार की हत्या कर दिया।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को आरोपी देवरिया निवासी खुशी उर्फ शाहिदा बानो और उसके पति कौशल गौर को गिरफ्तार कर लिया है। इंद्र कुमार ने सिहोरा के पास ग्राम रिवंझा में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के प्रश्नोत्तरी में अपना विवाह नहीं होने पर प्रश्न किया था। इसका प्रसारित वीडियो देखकर आरोपित दंपती ने उसे विवाह का झांसा देकर लूटने का षड्यंत्र रचा था।
इंद्र कुमार विवाह के बाद दुल्हन को लेकर छह जून को गांव वापस आने का बोलकर गए थे। जाने से पहले मझौली के एक सुनार से आभूषण बनवाएं थे। पुस्तैनी आभूषण और होटल व विवाह पर व्यय के लिए नकद राशि भी साथ लेकर गए थे। शादी के बाद पड़ोसियों को खुशी के साथ अपना फोटो भेजा था। लेकिन उसके बाद से उनकी गांव वालों से फोन पर बातचीत बंद हो गई।
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अनहोनी की आशंका पर मझौली पुलिस के साथ कुछ ग्रामीण उन्हें ढूंढने के लिए गोरखपुर पहुंचे। जहां, उन्हें पुलिस के पास इंद्र कुमार के शव के अज्ञात होने का पोस्टर मिला। जिसके आधार पर मझौली पुलिस कुशीनगर के हटा थाना क्षेत्र पहुंची। जहां, उन्होंने इंद्र कुमार की पहचान करने के बाद खुशी के साथ उनके विवाह का फोटा दिखाया। फोटो के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस खुशी तक पहुंच गई।
पुलिस को जांच में पता चला है कि खुशी उर्फ शाहिदा बानो ने कौशल गौर से विवाह के लिए मतांतरण किया था। मुस्लिम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया था। दंपती को लगा कि शव को सुनसान जगह पर फेंका गया है। वह कुछ दिन में सड़ गल जाएगा। फिर पहचान नहीं हो पाएगी।
वहीं, ग्रामीणों को धोखा देने के लिए वह इंद्र कुमार के फोन पर बातचीत भी करती थी। जब कोई इंद्र कुमार से बात कराने का कहता तो टाल देती थी। फिर उसने उसका फोन भी फेंक दिया। पुलिस आरोपियों से आभूषण एवं रुपयों के संबंध में पूछताछ कर रही है।
कथावाचक का प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम 3 से 10 मई तक था। वीडियो देखने के बाद आरोपियों ने इंद्रकुमार का फोन नंबर जुगाड़ किया। उसके बाद कौशल ने 17 मई को फोन कर इंद्र कुमार को खुशी का रिश्ता बताया। स्वयं को खुशी का भाई बताया। उसका फोटो भी भेजा। फोन पर खुशी से उसकी बातचीत कराया। जिसके बाद खुशी और इंद्र कुमार के बीच लगातार बातचीत होने लगी।
आरोपी कौशल 26 मई को पड़वार पहुंचा। इंद्र कुमार के घर गया। उसका खुशी के साथ पांच जून को विवाह मुहूर्त तय किया। शादी गोरखपुर से होना तय हुआ। इस पर इंद्र कुमार ने उसे शगुन में 11 सौ रुपये दिए। कौशल लौट गया। विवाह के लिए इंद्र कुमार दो जून को गांव से गोरखपुर जाने निकला। पांच जून को कौशल ने गोरखपुर की एक होटल में इंद्र कुमार और खुशी का झूठा विवाह कराया।
वह अगले दिन उसे अपने साथ लेकर घर जाने का बोला। खुशी ने मना कर दिया। इस बीच मृतक इंद्र को उनके लूट के लिए षड्यंत्र का पता चल गया। उसने विवाह का खर्च और दुल्हन को चढ़ाएं रुपये एवं आभूषण मांगे तो दंपती ने पांच जून को उसकी हत्या कर शव फेंक दिया।