नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर: हाई कोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर पिता-पुत्र ने अपने ही परिचित एक युवक को ठग लिया। उसके भाई एवं बहन को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर साढ़े आठ लाख रुपये ऐंठ लिया। ग्वारीघाट के दुर्गा नगर निवासी विनोद कुमार सेन एक हेयर कटिंग सेलून में काम करता था, जहां पर उड़िया मोहल्ला निवासी हिमांशु यादव हेयर कटिंग कराने आता था।
बातों-बातों में एक दिन विनोद ने हिमांशु से कहा कि उसके भाई बेरोजगार हैं और नौकरी ढूंढ रहे हैं। इस पर हिमांशु ने बताया कि उसके पिता नीलचंद यादव ठेकेदारी करते है। उनकी हाई कोर्ट और जिला कोर्ट में अधिकारियों से पहचान है। यदि वह चाहे, तो उसके भाईयों की नौकरी लगवा सकते हैं।
तब हिमांशु के साथ विनोद उसके पिता नीलचंद यादव से मिलने पहुंचा। नीलचंद ने रुपये देने पर नौकरी लगवाने की बात कही। इस पर विनोद ने अपने दो भाई और एक बहन की नौकरी लगवाने की बात की। इसके बाद साढ़े आठ लाख रुपये दे दिए। लेकिन रुपये ऐंठने के बाद नीलचंद और उसके पुत्र हिमांशु का व्यवहार बदल गया। नौकरी को लेकर वह गोलमोल जवाब देने लगे। उसने रुपये वापस मांगे तो पिता-पुत्र उसे धमकाने लगे। तब उसे धोखाधड़ी की आशंका हुई। ओमती पुलिस ने शुक्रवार की रात को दोनों आरोपित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
यह भी पढ़ें: Sonam Raghuvanshi और राज के फ्लैट से पिस्टल, रुपये गायब करने वाले प्रापर्टी ब्रोकर को एसआईटी ने पकड़ा, देखें VIDEO
हेयर कटिंग सैलून पर आते-जाते विनोद की हिमांशु से दोस्ती हो गई थी। जब आरोपित उसे झांसा दे रहे थे तब हाईकोर्ट में सहायक ग्रेड दो एवं तीन के पदों पर भर्ती निकली थी। हिमांशु ने उससे बोला कि सहायक ग्रेड की भर्ती में वह उसके भाई एवं बहन की नियुक्ति करवा देगा और इसके एवज में दस लाख रुपये देना होगा।
विनोद तुरंत तैयार हो गया और अपने साथ भाई के साथ नीलचंद यादव से मिलने पहुंचा। जहां, आरोपित पिता-पुत्र ने विनोद के भाई चंद्रिका, शुभम और बहन भारती सेन की भर्ती के लिए आवेदन फॉर्म भरवाया। उससे शीघ्र रुपये की व्यवस्था करने बोला। रुपये मिलते ही उन्हें नियुक्ति पत्र मिलने की बात कही। वह उनके झांसे में आ गया और लगभग साढ़े आठ लाख रुपये ले जाकर दे दिया।
वर्ष 2021 में हाई कोर्ट की भर्ती परीक्षा की तिथि आने पर विनोद ने भाई-बहनों के नाम के परीक्षा के प्रवेश पत्र निकालने का प्रयास किया। लेकिन उनका प्रवेश पत्र डाउनलोड नहीं हुआ। यह बात नीलंचद को बताने पर उसने कहा कि वह ऐसे ही नौकरी लगवा देगा।
तब उसकी बात पर विनोद को संदेह हुआ। लेकिन नीलचंद ने उसे बातों में फंसाया तो वह उसकी बात पर विश्वास कर लिया। उसके बाद दो वर्ष से ज्यादा समय हो गया, लेकिन उसके भाई बहन की नौकरी नहीं लगी। वह जब भी हिमांशु से उसके यातायात पुलिस थाना के पास स्थित कार्यालय जाकर पूछता तो नियुक्ति प्रक्रिया की कार्यवाही जारी होने की बात कहता। धीरे-धीरे वह समझा गया कि पिता-पुत्र मिलकर उसे धोखा दे रहे है। तब वह पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचा।