नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। सस्ती बिजली पैदा करने वाली सिरमौर की टोंस हाइडल परियोजना की यूनिट नंबर दो के जनरेटर में सोमवार सुबह आग लग गई। सुबह करीब 8:30 बजे जब अचानक धुआं उठा तो कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। तत्काल इस इकाई को बंद कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक जनरेटर अत्यधिक गर्म होने से आग निकली और मशीनरी बंद हो गई। यह वही यूनिट है जिसमें तीन माह पहले करोड़ों रुपये खर्च कर सुधार कार्य किया गया था। अब फिर खराबी आने के बाद माना जा रहा है कि 50 करोड़ से अधिक की राशि दोबारा खर्च करनी पड़ सकती है।
अधिकारियों की लापरवाही उजागर
लगातार हाइडल इकाइयों में खराबी आने से बिजली उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पहले ही कह चुके हैं कि विभागीय अफसर उनकी सुनते नहीं हैं। विभागीय स्तर पर लापरवाही का खामियाजा अब आम जनता को महंगी बिजली और करोड़ों के नुकसान के रूप में उठाना पड़ रहा है।
हर दिन एक करोड़ से अधिक का नुकसान
टोंस की 105 मेगावाट की यूनिट सबसे कम लागत पर बिजली बनाती है। बांध से छोड़े गए पानी से लगभग मुफ्त में बिजली तैयार होती है। यहां हर घंटे करीब एक लाख यूनिट बिजली बनती है। 24 घंटे में लगभग 24 लाख यूनिट बिजली उत्पादन होता है, जिसका बाजार मूल्य करीब 5 रुपये प्रति यूनिट है। इस तरह रोजाना लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।
जांच में जुटे अधिकारी
मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के मुख्य अभियंता (हाइडल) राजेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि सुबह इकाई में ट्रिपिंग हुई है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही वास्तविक खराबी का पता चल पाएगा।
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