Jabalpur Lok Sabha Seat: पंकज तिवारी, जबलपुर। जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की राजनीति का सफर जबलपुर से ही शुरू हुआ था। छात्र नेता के बाद वह लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। खास बात यह है कि जबलपुर से ही उनके लोकसभा पहुंचने का रास्ता साफ हुआ। उन्होंने 1974 के उपचुनाव में कांग्रेस की लगातार जीत का तिलिस्म जबलपुर में तोड़ा। उस वक्त वह जयप्रकाश नारायण (जेपी आंदोलन) की वजह से रायपुर जेल में बंद थे। जेल में रहने के बावजूद सर्वदलीय पार्टी के प्रत्याशी के रूप में शरद यादव ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की।
शरद यादव ने जबलपुर में इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल की। इस दौरान छात्र नेता के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई। वे रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। पत्रकार और राजनीतिक जानकार रविन्द्र बाजपेयी बताते हैं कि जेपी आंदोलन के वक्त वर्ष 1974 में ही लोकसभा सदस्य सेठ गोविंददास की असमय मौत हो गई। इस वजह से उपचुनाव हुए।
कांग्रेस ने स्व. सेठ गोविंद दास के पोते रविमोहन को प्रत्याशी बनाया था। इसके खिलाफ सभी अन्य दलों ने मिलकर शरद यादव को प्रत्याशी तय किया। शरद यादव ने लोकदल से हलधर किसान चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यहीं से उनकी जीत का क्रम शुरू हुआ। इसके बाद 1977 में कांग्रेस के जगदीश नारायण अवस्थी को मैदान में उतारा था। इस बार फिर से लोकदल की तरफ से शरद यादव लोकसभा चुनाव मैैदान में उतरे और चुनाव जीता।
उनकी जीत की हैट्रिक वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में बरकरार नहीं रह पाई। जानकारों की मानें तो शरद यादव जबलपुर के बाद उत्तर प्रदेश की बदांयू सीट और बिहार की मधेपुरा सीट से भी जीत दर्ज कर संसद तक का सफर तय किया था। शरद यादव राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। वे सात बार लोकसभा सदस्य चुने गए थे। इसके अलावा अलग-अलग विभागों में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी काम किया था। जनवरी, 2023 में उनका निधन हो गया।