अतुल शुक्ला, जबलपुर।
शहर की सीमा में गढ़ा और ग्वारीघाट रेलवे स्टेशन होने के बाद भी इसका फायदा जबलपुर और यहां के लोगों को नहीं मिला है। सालों से कछपुरा कोचिंग यार्ड को गढ़ा रेलवे स्टेशन में शिफ्ट करने की मांग उठती रही है तो वहीं जबलपुर से ग्वारीघाट तक कम दूरी की पैसेंजर ट्रेन चलाने की कवायद भी की गई। लेकिन हर बार इन प्रस्ताव को यह कहकर ठंडा कर दिया गया कि दोनों स्टेशन, जबलपुर में नहीं बल्कि नागपुर रेल मंडल में आते हैं।
जबलपुर रेल मंडल ने गढ़ा और ग्वारीघाट रेलवे स्टेशन को अपनी सीमा से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। मंडल ने पश्चिम मध्य रेलवे जोन के सहयोग से एक प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। इधर रेलवे बोर्ड ने भी इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए स्टेशन को जबलपुर मंडल में लाने के फायदे और नुकसान के बारे में पूछा है।
जबलपुर मंडल का हिस्सा बनाने इसलिए पड़ी जरूरतः
जबलपुर रेल मंडल ने बोर्ड को भेजे प्रस्ताव में यह दिया है कि जबलपुर शहर में चार स्टेशन होने के बाद भी सिर्फ जबलपुर और मदनमहल स्टेशन ही जबलपुर मंडल में आते हैं। जबकि गढ़ा और ग्वारीघाट, चंद किमी की दूरी पर होने के बाद भी इनका मुख्यालय नागपुर रेल मंडल है। इस वजह से गढ़ा यार्ड से माल बुक करने वाले व्यापारी और ग्वारीघाट से ट्रेन में सफर करने वाले यात्री, हर काम और मांग के लिए नागपुर मंडल पर निर्भर रहते हैं। यही हाल इन दोनों रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों का है। उन्हें भी हर काम के लिए 350 किमी दूर नागपुर जाना पड़ता है।
व्यापारी को फायदा:
गढ़ा और ग्वारीघाट रेलवे स्टेशन, नागपुर रेल मंडल से हटकर, जबलपुर रेल मंडल की सीमा में आता है तो कछपुरा यार्ड काे गढ़ा में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे भारी वाहनों को शहर के बीच से होकर कछपुरा यार्ड तक नहीं आना पड़ेगा। वे सीधे बायपास से गढ़ा पहुंचेंगे, इससे व्यापारी और रेलवे के साथ कछपुरा यार्ड के आसपास रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी।
यात्रियों को फायदाः
ग्वारीघाट आने वालों को मुख्य सड़क से होकर यहां आना होता है। अभी तक इस स्टेशन का फायदा ट्रेन के यात्रियों को नहीं मिला है, लेकिन यह जबलपुर में आने के बाद मंडल, न सिर्फ इस स्टेशन पर यात्री सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि सीधी ट्रेन चलाकर ग्वारीघाट के श्रृद्धालुओं को भी रेल नेटवर्क से जो़ड़ा जाएगा।
क्या है प्रक्रिया
- पश्चिम मध्य रेलवे के आपरेटिंग विभाग के जरिए प्रस्ताव रेलवे बोर्ड भेजा गया है।
- इसके बाद रेलवे बोर्ड अब बिलासपुर रेलवे जोन की सहमति लेगा।
- दोनों स्टेशन से जुड़ी संपत्तियों और कर्मचारियों को ब्यौरा तैयार होगा।
- इसके बाद पमरे और बिलासपुर जोन के बीच एमओयू साइन होगा।
- इस प्रक्रिया में लगभग 6 माह का वक्त लगेगा।
इन्होंने यह कहा..
नागपुर और जबलपुर मंडल से लेकर रेलवे बोर्ड तक मैंने यह मांग उठाई है कि ग्वारीघाट और गढ़ा रेलवे स्टेशन को, जबलपुर मंडल में शामिल कर दिया जाए। इसका फायदा शहर के यात्री, व्यापारी और यहां पर काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।
-अभिलाष पांडे, सदस्य, यात्री सलाहकार समिति रेलवे बोर्ड
गढ़ा और ग्वारीघाट रेलवे स्टेशन को जबलपुर रेल मंडल में शामिल करने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे के आपरेटिंग विभाग की ओर से रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है। रेलवे बोर्ड ने कुछ जानकारी और मांगी थीं, वो भी दे दी गई हैं।
-राहुल श्रीवास्तव, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पमरे