Jabalpur News: गांव में अंतिम संस्कार में लकड़ी नहीं गो-काष्ठ का होगा इस्तेमाल
ग्रामीण इलाकों के मनरेगा से बने मुक्तिधाम में अब लकड़ी का इस्तेमाल नहीं होगा।
By Ravindra Suhane
Edited By: Ravindra Suhane
Publish Date: Sun, 29 Nov 2020 10:44:36 AM (IST)
Updated Date: Sun, 29 Nov 2020 01:13:27 PM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। ग्रामीण इलाकों के मनरेगा से बने मुक्तिधाम में अब लकड़ी का इस्तेमाल नहीं होगा। इसकी जगह गो-काष्ठ और गाय के गोबर से बने कंडे का उपयोग किया जाएगा। इस संंबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बकायदा जिला कलेक्टरों को चिट्टी लिखी है। इस आदेश को अमल में लाने को कहा गया है ताकि 2021 की होली पर पूरे प्रदेश में लकड़ी की बजाए गो-काष्ठ का ही इस्तेमाल चलन में आ जाए।
पर्यावरण बचाने मुहिम: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कहा कि मनरेगा के तहत विकसित गोशाला परियोजना, समुदायिक कैटल एवं चारागाह ,गोचर भूमि का वृहद स्तर पर स्वसहायता समूहों के माध्यम से हो रहा है। वहीं स्वसहायता समूह की मदद से गो—काष्ठ का निर्माण करवाया जा रहा है। पर्याप्त मात्रा में गो—काष्ठ उपलब्ध हो इसके लिए समूहों को निर्देश दिए गए है। इससे वन संपदा संरक्षित होगी। पेड़ों की कटाई कम होगी। ये है स्थिति: ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत 21 हजार से ज्यादा मुक्तिधाम है। यहां लकड़ी की जगह गोबर के कंडे और गो-काष्ठ का इस्तेमाल होगा। विभाग की मंशा है कि अभी से इस प्रयोग को अमल में लाया जाए ताकि आगामी होली तक गो-काष्ठ से ही प्रदेश भर में होली जलाई जाए।
रोजगार भी होगा पैदा: गो-काष्ठ और कंडों का उपयोग से इसकी डिमांड शहर और ग्रामीण इलाकों में निश्चित ही बढ़ेगी। अभी निर्माण सीमित होने के कारण लोगों को इसकी उपलब्धता आसान नहीं होती थी। गोशाला और स्वसहायता समूहों के माध्यम से निर्माण शुरू होने पर उपलब्धता आसान होगी। जिसके बाद ज्यादा संख्या में लोग इसका उपयोग कर पाएंगे।