जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। परमात्मा एक हैं उनके नाम उपासना विभिन्न् हो सकते हैं। हम सभी उस एक ही सर्वशक्तिमान की संतान हैं जो जीव मात्र का परम सुहृदय व हितैषी है। प्रभु की कृपा निश्चय ही समस्त बंधनों, समस्त विपत्तियों व समस्त कठिनाइयों से उबार लेगी। कैसा भी पापी यदि प्रभु की शरण में आ जाए तो वे उसे साधु या भक्त बना लेते हैं। उक्ताशय के उद्गार स्वामी हरि चैतन्यपुरी महाराज ने प्रवचन में व्यक्त किए।
हाथीताल कालोनी स्थित सनातन स्कूल में उन्होंने कहा कि तीर्थ स्थलों, उपासना स्थलों, प्राकृतिक रमणीय स्थलों, हिमालय इत्यादि में शांति मिलती है लेकिन उस शांति को बरकरार रखना, याद न रखना हमारे ऊपर निर्भर करता है। परमात्मा का स्मरण मात्र मुख से नहीं, हृदय से हो तो विशेष लाभदायक होता है। धर्म से गुरु से या किसी संत से अथवा परमात्मा से यदि आप जुड़े हैं तो आपका और उत्तर दायित्व हो जाता है कि आपके स्वभाव से लगे कि आप परमात्मा से जुड़े हो।
स्वामी रंजीतानंद पदयात्रा कर शहर पहुंचे :
गो रक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर राजस्थान कोटा के मंगलेश्वरी मठ से संकल्पित होकर कई शहरों से पद यात्रा करते हुए स्वामी रंजीतानंद शनिवार को जबलपुर पहुंचे।
शास्त्री नगर में आगमन पर अनिल चौबे, शारदा प्रसाद, सुशील चौबे, जेपी तिवारी, संदीप उपाध्याय, सतीश, महेंद्र ने पुष्पहार से स्वागत किया। इसके पश्चात वे कालीधाम भटौली पहुंचे जहां स्वामी कालिकानंद सरस्वती का पूजन किया। वे सोमवार को आगे की यात्रा कर मंगलवार को समापन करेंगे।
नर्मदा पंचकोषी परिक्रमा 14 को :
प्रत्येक माह की पूर्णिमा को हरे कृष्णा आश्रम भेड़ाघाट से निकाली जाने वाली नर्मदा पंचकोसी परिक्रमा 14 जून को संत महात्माओं के नेतृत्व में सुबह 5 बजे से निकाली जाएगी। इसके साथ ही चार माह के लिए पंचकोसी परिकमा का चातुर्मास विश्राम होगा ।
परिक्रमा हरे कृष्णा आश्रम भेड़ाघाट से प्रारंभ होकर पंचवटी चौसठ योगिनी, धुआंधार, पशुपतिनाथ, कल्याणिका तपोवन, लम्हेटाघाट से नाव पार कर शनि मंदिर, इमलिया, न्यू भेड़ाघाट होते हुए सिद्धन माताजी आश्रम के सामने से नाव पार कर हरे कृष्णा आश्रम में विशाल भंडारे के साथ समापन होगा। साथ ही बद्रीनाथ धाम से पूजित गोमती चक्र का वितरण होगा। उपस्थिति कि अपील डा. सुधीर अग्रवाल डा. शिव शंकर पटेल, मनमोहन दुबे, श्याम मनोहर पटेल ने की है।