Hanuman Janmotsav 2025: ब्रिटिश अधिकारी के सपने में आए थे हनुमान जी, मंदिर निर्माण के बाद फैक्ट्री की दूर हुई बाधा
Hanuman Janmotsav 2025: पाट बाबा मंदिर न केवल एक ऐतिहासिक स्थल है, बल्कि यह स्थानीय लोगों की गहरी आस्था का प्रतीक भी है। यहां के लोग हनुमान जी को बहुत मानते हैं और उनकी कृपा में विश्वास रखते हैं। मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।
Publish Date: Sat, 12 Apr 2025 06:34:19 PM (IST)
Updated Date: Sat, 12 Apr 2025 06:44:00 PM (IST)
बजरंगबली के चमत्कार से बन सकी जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री।HighLights
- इस फैक्ट्री का निर्माण एक अनोखी कहानी से जुड़ा है।
- जीसीएफ फैक्ट्री की पहाड़ी में पाट बाबा की पहाड़ी है
- हनुमान की कृपा से ही फैक्ट्री का निर्माण पूरा हो सका।
राहुल रैकवार, नईदुनिया, जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर देश में अपनी सांस्कृतिक विरासत और रक्षा उद्योग के लिए जाना जाता है। आज हनुमान प्राकट्योत्सव में पूरी संस्कारधानी लीन है। लेकिन यहां के लिए एक खास बात यह भी है कि भगवान हनुमान की कृपा इस शहर में ऐसी बरपी की यहां स्थित गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) ने भारत के रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शायद ही लोगों को होगा कि इस फैक्ट्री का निर्माण एक अनोखी कहानी से जुड़ा है। दरअसल जीसीएफ फैक्ट्री की पहाड़ी में पाट बाबा की पहाड़ी है जहां आज हनुमान प्राकट्योत्सव धूम धाम से मनाया जाएगा। कहा जाता है कि इस पाट बाबा और भगवान हनुमान की कृपा से ही जीसीएफ फैक्ट्री का निर्माण पूरा हो सका।
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यह है मंदिर की कहानी
- पाट बाबा मंदिर के मुख्य पुजारी नंदगोपाल तिवारी ने बताया कि 19वीं सदी में, ब्रिटिश अधिकारी स्मिथ जबलपुर में हथियारों के उत्पादन के लिए एक फैक्ट्री बनाना चाहते थे।
- उन्होंने जीसीएफ की नींव रखी, लेकिन हर बार दीवारें गिर जाती थीं। परेशान स्मिथ को एक रात सपने में हनुमान जी दिखाई दिए।
- उन्होंने बताया कि फैक्ट्री की जमीन के नीचे उनकी एक प्रतिमा दबी हुई है। सपने में यह देख अगले दिन, स्मिथ ने खुदाई करवाई और वास्तव में हनुमान जी की एक प्रतिमा मिली।
- उन्होंने इसे सम्मानपूर्वक इस प्रतिमा को स्थापित किया और 12 अगस्त 1903 को पाट बाबा मंदिर का निर्माण करवाया। इसके बाद, जीसीएफ का निर्माण बिना किसी बाधा के पूरा हुआ।
रक्षा उद्योग में जबलपुर का योगदान
- पाटबाबा मंदिर सेवा समिति के सचिव अमित वसने के अनुसार जीसीएफ के अलावा, जबलपुर में खमरिया फैक्ट्री और व्हीकल फैक्ट्री भी हैं।
- इन फैक्ट्रियों ने भारत के कई युद्धों में देश के लिए हथियार और गोला-बारूद बनाए हैं। जबलपुर का रक्षा उद्योग देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- इन्हीं में से जीसीएफ फैक्ट्री की पहाड़ी पर पाट बाबा मंदिर आज जबलपुर का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां हनुमान जी, भगवान शिव और देवी दुर्गा के मंदिर हैं।
- अध्यक्ष ऋतु राज द्विवेदी ने बताया कि सावन के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर परिसर में एक सुंदर उद्यान भी है, जहां लोग शांति और सुकून का अनुभव करते हैं।
- पाटबाबा मंदिर के प्रवेशद्वार पर भी दीवार में भगवान हनुमान की कलाकृति बनाई गई है।
- इसमें जीसीएफ फैक्ट्री पर भगवान हनुमान आशीर्वाद देते हुए दिखाई दे रहे हैं। यहां शिलालेख में मंदिर की कहानी लिखी हुई है।
जीसीएफ फैक्ट्री के निर्माण में यह सत्य घटना है कि फैक्ट्री के निर्माण के दौरान बार-बार बाधाएं आ रही थीं। ब्रिटिश अधिकारी स्मिथ को स्वप्न आया था जिसके बाद उन्होंने खोदाई कराई और हनुमान जी की प्रतिमा मिली। पाट बाबा मंदिर के निर्माण के बाद ही फैक्ट्री निर्बाध रूप से बन सकी। आज मंदिर के प्रति भक्तों की अटूट आस्था है।
-संजीव शर्मा, सदस्य, पाटबाबा मंदिर सेवा समिति