
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने सिविल जज भर्ती 2022 के चयनित उम्मीदवारों का रिजल्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि रिजल्ट की घोषणा और नियुक्तियां विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखने की अंतरिम व्यवस्था दी है। कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई 21 नवंबर को निर्धारित की है।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान रजिस्ट्रार परीक्षा की ओर से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 सितंबर को मप्र सिविल जज (जूनियर डिवीजन, एंट्री लेवल) 2022 भर्ती के तहत इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी करने और नतीजे घोषित करने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चयनित उम्मीदवारों के साक्षात्कार कराए गए हैं और परिणाम भी तैयार कर लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तीन साल की शर्त भविष्य के लिए लागू रहेगी।
उल्लेखनीय है कि यह भर्ती प्रक्रिया विगत दो वर्ष से अटकी हुई है।दरअसल, मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 1994 में 23 जून 2023 को संशोधन करके यह शर्त रखी गई थी कि सिविल जज प्रवेश-स्तर की परीक्षा में केवल वही उम्मीदवार बैठ सकते हैं, जिनके पास तीन वर्ष की वकालत का अनुभव हो।
इसके बाद दो अभ्यर्थियों ने यह दलील दी कि यदि संशोधित नियम लागू किए जाएं तो वे भी पात्र होंगे। उन्होंने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर मांग की कि कट-ऑफ की समीक्षा की जाए। इस पर हाई कोर्ट ने इस संशोधित नियम के आधार पर सफल 77 उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सफल उम्मीदवारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान एडवोकेट यूनियन फार डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने दलील दी कि भर्ती के लिए बने हिंदी व अंग्रेजी नियम में विसंगति है। हिंदी में नियम-पांच के उपनियम-चार के तहत ओबीसी व सामान्य के लिए 50 प्रतिशत अंक, एससीएसटी के लिए 45 अंक अनिवार्य होगा। वहीं अंग्रेजी में यह लिखा है, प्रत्येक विषय में उक्त अंक चाहिए और मुख्य परीक्षा में सभी वर्ग के लिए एग्रीगेट 50 प्रतिशत आवश्यक है। हाई कोर्ट ने अंग्रेजी के नियम के तहत परिणाम तैयार किया है।