
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि यदि सभी विभागों के कर्मचारी चुनाव ड्यूटी करने से मना करेंगे तो चुनाव कैसे होगा। इसी के साथ कोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की वह याचिका निरस्त कर दी, जिसके जरिए चुनाव ड्यूटी से पृथक रखने पर बल दिया गया था। कोर्ट ने अपने आदेश मेें साफ किया कि उन्हें भी दूसरे कर्मियों की भांति चुनाव ड्यूटी करनी होगी।
दरअसल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व शासकीय एकता यूनियन भोपाल की ओर से याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया कि प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने मूल कामों के साथ-साथ इलेक्शन में ड्यूटी करने का काम दिया था। बहस के दौरान तर्क दिया गया कि आईसीडीएस सेवाओं का काम अनिवार्य है।
ऐसे में अगर याचिकाकर्ता दूसरा काम करते है, तो मुख्य काम प्रभावित होता है। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि आईसीडीएस सेवाओं के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से दूसरे कोई काम न लिए जाए।
सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार को चुनाव कराना है तो वह अपने कर्मचारियों को ही जिम्मेदारी सौंपेगी। याचिकाकर्ता भी सरकार के सिस्टम के भाग हैं।
शासकीय अधिवक्ता ने भी दलील दी कि चुनाव लोकतंत्र का महाेत्सव है, जिसमें जिनकी भागीदारी नियत हो, वे उत्साहित रहें। इस तरह पल्ला झाड़ने का रवैया उचित नहीं।