जबलपुर में वीडियो कॉल कर सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी से हड़पे 76 लाख रुपये, सीबीआई अधिकारी बनकर डराया
बैंक अधिकारी को उनके नाम से फर्जी सिम, एटीएम होने और सिम का मानव तस्कर गिरोह द्वारा उपयोग करने की धमकी देकर डराया और धमकाया। गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय के खाते में रुपये जमा करने की बात कही। ठगों ने उनसे 76 लाख रुपये हड़प लिए। सेवानिवृत्त कर्मी को बाद में पता चला कि जिस खाते में उन्होंने रुपये भेजे हैं, वह शासकीय संस्था का नहीं है।
Publish Date: Sun, 30 Nov 2025 12:13:27 AM (IST)
Updated Date: Sun, 30 Nov 2025 12:21:37 AM (IST)
जबलपुर में हुआ साइबर फ्रॉड।HighLights
- सिम का मानव तस्कर गिरोह द्वारा उपयोग करने की धमकी देकर डराया और धमकाया।
- गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय के खाते में रुपये जमा करने की बात कही।
- ठगों ने उनसे 76 लाख रुपये हड़प लिए। पुलिस ने शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में वृद्ध से साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी को तीन दिन तक लगातार वीडियो काल कर ठगों ने फर्जी अधिकारी बनकर बात की। बैंक अधिकारी को उनके नाम से फर्जी सिम, एटीएम होने और सिम का मानव तस्कर गिरोह द्वारा उपयोग करने की धमकी देकर डराया और धमकाया। गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय के खाते में रुपये जमा करने की बात कही। ठगों ने उनसे 76 लाख रुपये हड़प लिए। सेवानिवृत्त कर्मी को बाद में पता चला कि जिस खाते में उन्होंने रुपये भेजे हैं, वह शासकीय संस्था का नहीं है। तब पुलिस के पास पहुंचे। शुक्रवार को अपराध थाना में एफआईआर को पंजीबद्ध किया।
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ऐसे हुई यह घटना
- पुलिस के अनुसार अनिल कुमार नन्होरिया (72) बैंक से सेवानिवृत्त हैं। उनके पास 22 नवंबर को सुबह एक अनजान नंबर से फोन आया।
- बात करने वाले ने स्वयं का परिचय दूरसंचार अधिकारी के रूप में दिया। नन्होरिया को उनके नाम पर फर्जी सिम जारी होने की सूचना दी।
- उस सिम से लोगों को डराने एवं धमकाने की शिकायत दिल्ली पुलिस में दर्ज होने की जानकारी दी।
- मामले में बयान के लिए दिल्ली पुलिस के समक्ष उपस्थित होने कहा। नन्होरिया ने दिल्ली आने से मना किया तो उसे एक फोन नंबर लिखवाया।
- वह नंबर पुलिस अधिकारी का होने का बोलकर, उनसे बातचीत करने को कहा।
- उस नंबर पर फोन करने पर सामने वाले ने अपना नाम आईपीएस विजय कुमार बताया।
- बातचीत के बाद नन्होरिया को उसके विरुद्ध चल रहे मामले की जानकारी इंटरनेट पर भेजी। यह सब सुनकर नन्होरिया परेशान हो गए।