जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में सातवें वेतनमान का अनुमोदन करने के लिए रिश्वत मांगना सहायक पेंशन अधिकारी चेतन्य सराफ को महंगा पड़ा। शिक्षा विभाग से मिली शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित संभागीय पेंशन कार्यालय पहुंची। रिश्वत में 19 हजार रुपये लेते ही घात लगाए बैठी लोकायुक्त टीम ने सराफ को रंगे हाथ दबोच लिया। सेवा पुस्तिका संबंधी कार्य के लिए उसने प्रति शिक्षक 500 रुपये रिश्वत की मांग की थी। पकड़े जाने के बाद सराफ ने स्वयं को निर्दोष बताने की कोशिश की। उसने कहा कि रिश्वत की मांग व विभाग के प्रमुख अधिकारियों के कहने पर करता था। लोकायुक्त निरीक्षक स्वप्निल दास ने बताया कि गंगानगर गढ़ा निवासी रवि उर्फ रविंद्र मिश्रा शिक्षा विभाग में पाटन संकुल अंतर्गत सहायक ग्रेड-2 पद पर पदस्थ है। उनके कार्यालय से संबंधित करीब 40 शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में सातवें वेतनमान का अनुमोदन नहीं हो पाया था। जिसके लिए संभागीय पेंशन कार्यालय में आवेदन दिया गया था। सहायक पेंशन अधिकारी सराफ ने प्रति सेवा पुस्तिका वेतनमान अनुमोदन के लिए 500 रुपये की मांग की। रिश्वत न मिलने पर उसने अनुमोदन से इनकार कर दिया। रविंद्र ने एसपी लोकायुक्त अनिल विश्वकर्मा से भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। एसपी के निर्देश पर गठित टीम ने उसे योजनाबद्ध तरीके से रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
प्रमुख अधिकारी कार्यालय से भागे : सहायक पेंशन अधिकारी सराफ के लोकायुक्त की गिरफ्त में आते ही पेंशन कार्यालय के प्रमुख अधिकारी भाग खड़े हुए। देखते ही देखते कार्यालय में सिर्फ गिनती के कर्मचारी रह गए। लोकायुक्त निरीक्षक दास ने बताया कि पेंशन अधिकारी सराफ व आवेदक मिश्रा के बीच मोबाइल पर रिश्वत के संबंध में बातचीत की गई थी। बुधवार को पेंशन कार्यालय में 38 सेवा पुस्तिका के बदले रिश्वत के 19 हजार देने का सौदा तय हुआ था। सराफ को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
दोनों के हाथ गुलाबी हुए : पेंशन अधिकारी ने रिश्वत के नोट ड्राज में रख दिए थे। लोकायुक्त ने उक्त नोट में रंग लगाकर दिए थे। रिश्वत लेने के बाद उसे पकड़कर हाथ धुलवाया गया तो पानी का रंग गुलाबी हो गया। उसे अपने हाथ से रिश्वत देने वाले आवेदक के हाथ भी गुलाबी हुए। पेंशन अधिकारी के कब्जे से लोकायुक्त द्वारा दिए गए सीरियल नंबर वाले नोट मिले।
इनकी रही भूमिका :
कार्रवाई में निरीक्षक दास, भूपेंद्र दीवान, प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, आरक्षक दिनेश दुबे, अमित मंडल, विजय बिस्ट की भूमिका रही। आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। गिरफ्तारी के बाद निजी मुलचके पर उसे छोड़ दिया गया है।
इनका कहना है :
संभागीय पेंशन कार्यालय के सहायक पेंशन अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ने की कार्रवाई की गई है। आय से अधिक संपत्ति का भी पता लगाया जाएगा। शासकीय कामकाज के बदले रिश्वत मांगने के प्रकरण में जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका का पता लगाया जा रहा है।
-अनिल विश्वकर्मा, एसपी लोकायुक्त