
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। जबलपुर के मालवीय चौक स्थित अंजुमन इस्लामिया वक्फ बोर्ड के शुक्रवार को छुट्टी के आदेश के बाद से विवाद की स्थिती बन गई थी, जैसे ही आदेश वायरल हुआ प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल पहुंचकर ताल तुड़वाकर आदेश वापस लेने के लिए कहा। अंजुमन स्कूल में लगभग 700 बच्चे है। जिसमें से जुमे की नमाज के कारण छात्रों की संख्या उंगलियों पर होती है। ये केवल एक स्कूल का मामला नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्ड के चार स्कूल संस्कारधानी में है। जहां शुक्रवार को जुमे के कारण छुट्टी होती है, रविवार को हाफ टाइम स्कूल लगता है। स्कूल की छुट्टी के मामले को लेकर नेताओं ने एंट्री कर ली है।
बच्चों की संख्या कम होने से शुक्रवार को करते है छुट्टी
अंजुमन इस्लामिया बोर्ड के चार स्कूल और एक कालेज है। जिसमें गोहलपुर में एक कालेज, आनंद नगर मे एक स्कूल व मढ़ाताल में दो स्कूल है। शुक्रवार को छुट्टी कई वर्षों से दी जा रही है। जिसकी वजह है कि स्कूल व कालेज में अधिकतर मुस्लिम बच्चे पढ़ते है। शुक्रवार को जुमे की बच्चे जुमे की नमाज पढ़ने चले जाते है। जिससे बच्चों की संख्या कम रहती है। स्कूल में छात्राें की संख्या महज उंगलियों पर होती है।
शुक्रवार की छुट्टी का बोर्ड अध्यक्ष अन्नू अनवर व टीचर्स की सहमति से लिया है। भाजपा नेता मुज्जमिल अली ने अंजुमन वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पर अरोप लगाया है कि दीपालवी व दशहरा व अन्य हिंदू त्योहार पर जहां अन्य स्कूलों में लगभग आठ-दस की छुट्टी होती है, वहीं अंजुमन इस्लामिया में सिर्फ एक या दो दिन की छुट्टी ही दी जाती है। हिंदू शिक्षक नौकरी जाने के डर से विरोध नहीं पाते है।
अंजुमन इस्लामिया स्कूल में शुक्रवार की छुट्टी के नए आदेश की जानकारी मिलते ही, स्कूल में यशावत छुट्टी दिए जाने के निर्देश दिए है। ऐसा कहीं प्रावाधान नहीं है कि शुक्रवार को छुट्टी और रविवार को स्कूल लगाया जाए। अंजुमन इस्लामिया के अन्य स्कूलों में भी अगर इसी तरह की स्थिती है तो जांच कराई जाएगी। व समय बदला जाएगा।
हमने बच्चों की शिक्षा को देखते हुए निर्णय लिया था। अब शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि बाकी के स्कूलों की तरह स्कूल खुलेगा। हमने अपना आदेश वापस ले लिया है। बाकी के जो स्कूलों में सालों से जो दिन चला आ रहा है, वह यथावत रहेगा। - आरएस मरावी, डिप्टी कलेक्टर