Indian railway news: जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेलवे द्वारा जबलपुर-कटनी रेल खंड में आने वाले हिरण नदी के ब्रिज की मरम्मत का काम शनिवार सुबह से शुरू किया। जबलपुर रेल मंडल का इंजीनियरिंग विभाग पुल के पुर्जे बदल रहा है। इस वजह से ट्रेनों को रद और उनके रूट बदले गए । इस दौरान जबलपुर से रीवा जाने वाली शटल को रद कर दिया गया वहीं यह रीवा से जबलपुर आने वाली शटल भी रद रही। जबलपुर-कटनी रेल खंड में सुबह से ही ट्रेनों के आवाजाही बंद रही। कटनी से जबलपुर की ओर आने वाली ट्रेन 12150 पुणे एक्सप्रेस और ट्रेन 11062 पवन एक्सप्रेस को कटनी से जबलपुर नहीं लाया गया। बल्कि इस ट्रेन को कटनी से दमोह, सागर, बीना, भोपाल मार्ग से इटारसी से आगे निकाला गया। वहीं मुंबई से आने वाली जनता एक्सप्रेस नंबर 13202 इटारसी से जबलपुर लाने की बजाए भोपाल से बीना, सागर, कटनी होकर पटना की ओर से जा रही है। उधना बनारस एक्सप्रेस तथा कुर्ला रांची एक्सप्रेस को भी इसी मार्ग से चलाया जा रहा है। इटारसी से कटनी के लिए चलने वाली पैसेंजर गाड़ी को जबलपुर में ही समाप्त कर दिया गया। यह पैसेंजर गाड़ी जबलपुर से ही इटारसी की ओर वापस होगी।
यात्रियों को हुई परेशानी: रेलवे के इस ब्लाक की जानकारी यात्रियों तक समय से न पहुंच पाने के कारण कई यात्रियों को इस कार्य से परेशानी का सामना करना पड़ा। कटनी रेलवे स्टेशन से जबलपुर की ओर सुबह से ट्रेन न होने के कारण यात्रियों ने बस का सहारा लिया और तकीलफ उठाकर आगे का सफर किया।
लंबे समय से जम अफसरों का नहीं हुआ तबादला: पश्चिम मध्य रेल में दो माह पूर्व ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों की सूची तैयार की गई थी, जाे एक ही स्थान पर चार वर्ष से अधिक समय से जमें है। रेलवे बोर्ड के फरमान के बाद ऐसे अधिकारी- कर्मचारियों के तबादलें को लेकर यह सूची तैयार की गई थी फिर अचानक न जाने क्यों इस सूची पर अमल नहीं किया गया है। चर्चा तो इस बात की भी है कि रेलवे में स्थानांतरण नीति का पालन लंबे समय से नहीं किया जा रहा है। कई अधिकारी- कर्मचारी तो लंबे समय से एक ही कुर्सी पर जमें हुए है। खासकर संवेदनशील पोस्ट में तो चार वर्ष से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकता है इसके बाद भी कई अधिकारी जमें हुए है। जब कभी तबादला की बारी आई तो मंडल से मुख्यालय तक का सफर तय कर फिर वहीं जम गए है। पमरे मुख्यालय तो मानों अधिकारियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह है।