जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेलवे ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए हर कदम उठाए। इसका फायदा भी मिला। अब रेलवे ने सबसे ज्यादा कमाई, किराया और माल ढुलाई से की। पश्चिम मध्य रेल अपने अधोसंरचना के कार्य को गति प्रदान करने एवं यात्री सुविधाओं में बढ़ाने का काम किया। उत्तरोत्तर विकास करते हुए रेलवे राजस्व वृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है।
पमरे महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अप्रैल से फरवरी तक 5 हजार 185 करोड़ रेल राजस्व अर्जित किया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। पमरे ने पैसेंजर यातायात में अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक रुपये 1181 करोड़, जो कि गत वर्ष की रेलवे राजस्व रुपये 448 करोड़ की तुलना में लगभग 164 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसके अलावा अन्य कोचिंग रेवेन्यू से रुपये 130 करोड़ की आय अर्जित हुई है। इसी प्रकार माल ढुलाई में पुनः वृद्धि रखते हुए माह अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक रुपये 3744 करोड़ का रेलवे राजस्व प्राप्त किया है। इसके अतिरिक्त संड्री रेवेन्यू में भी पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में रुपये 130 करोड़ अधिक प्राप्त किया है जो कि लगभग 25 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार पमरे में अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक रेल राजस्व में कुल रुपये 5185 करोड़ में वृद्धि हुई जो कि इसी अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है।
यात्रियों की सुविधाओं एवं विकास के कार्यों में गति प्रदान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यात्री यातायात के लिए अधिक से अधिक सुविधाओं का विस्तार करके रेल यात्रा को सुरक्षित और बेहतर बनाया गया। पमरे में 98 प्रतिशत यात्री गाड़ियों का संचालन पुनः प्रारंभ और चरणबद्ध तरीके से इसे बढ़ाया गया। अब तक पमरे से प्रारंभ एवं गुजरने वाली कुल 800 से अधिक यात्री गाड़ियों का संचालन हो रहा है। इसके साथ ही यात्री यातायात के लिए मेल एक्सप्रेस के संचालन के साथ-साथ नयी प्रकार की मेमू ट्रेनों की यातायात को भी शुरुआत की गई।