
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जबलपुर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों को आनलाइन आर्डर के जरिए पैक फूड पहुंचाया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी आइआरसीटीसी द्वारा चयनित एजेंसियों को दी गई है, लेकिन वास्तविकता यह है जबलपुर से ही लगभग 20 से ज्यादा लोग, यह काम कर रहे हैं। इनके द्वारा ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों से खाने का आर्डर लेकर उन पर खाना पहुंचाने का काम बड़े ही गोपनीय तरीके से किया जाता है। सूत्रों की माने तो हाल ही में जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग और आरपीएफ द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान बेस किचन चलाने वालों की जांच के दौरान ऐसे लोगों के नाम सामने आए। दरअसल आइआरसीटीसी ने जबलपुर से आठ एजेंसियों को ही ट्रेन में आनलाइन आर्डर लेकर खाना सप्लाई करने की स्वीकृति दी है, लेकिन स्टेशन और ट्रेन में पकड़े गए अवैध वेंडरों से की गई पूछताछ में कई अवैध बेस किचन चलाने वालों के नाम सामने आए, जाे इस काम में लिप्त हैं।
आर्डर लेने वाले से खाना बनाने वाले तक
अवैध तरीके से ट्रेन में यात्रियों से खाने का आर्डर लेने या फिर बिना आर्डर के ही ट्रेन में यात्रियों को खाना सप्लाई करने का काम जबलपुर मंडल की सीमा में हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक जैसे ही ट्रेन सतना या इटारसी से जबलपुर की ओर आती है, ट्रेन के यात्री से खाने का आर्डर लिया जाता है। आर्डर लेने वालों में पेंट्रीकार के कर्मचारी ही नहीं बल्कि अवैध बेस किचन चलाने या फिर ट्रेन में खाना पहुंचाने वाले कर्मचारी भी होते हैं। कई बार आनलाइन खाने की बुकिंग के जरिए ट्रेन में यात्री तक खाना पहुंचता है तो कई बार बिना आर्डर लिए ही खाने की थाली लेकर अवैध वेंडर ट्रेन में फेरी लगाकर खाना देता है।
फिर होगी जांच
आरपीएफ ने चार दिन पूर्व जबलपुर के कई बेस किचन चलाने वालों के यहां छापेमारे की। इस दौरान सभी से आइआरसीटीसी से जुड़े दस्तावेज मांगें, जिसकी जांच चल रही है। जल्द ही आरपीएफ फिर से अवैध तौर पर स्टेशन और ट्रेन में खाना पहुंचाने वालों पर कार्रवाई करने अभियान चलाने जा रही है। इसकी शुरूआत जबलपुर से होगी, जो जबलपुर मंडल समेत भोपाल और कोटा मंडल में की जाएगी।
इन्हें ही है आनलाइन खाना देने की परमिशन
- एमडी एब्रहिम एंड संस
- सेलीब्रेशन
- शिखर पैलेंस
- डोमिनोज
- रेबल फूड
- परांपरा
- अन्नी ठेका
- सेफ रसोई