नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। नवरात्र पर्व के उत्साह के बीच चार दिनों के अंदर दो बच्चों और एक युवक की करंट लगने से हुई मौत ने बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली और पंडाल सजाने के मनमाने तरीके पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिजली कंपनी के एक सर्वे के अनुसार शहर में 800 के आसपास दुर्गा पंडाल विभिन्न स्थलों पर सजे हुए हैं। पर्व प्रारंभ होने के चार दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक मात्र 125 समितियों ने भी अस्थाई बिजली कनेक्शन लेकर पंडालों को रोशन किया है।
शेष में मनमानी का करंट दौड़ रहा है। बता दें कि बुधवार रात बरगी हिल्स कॉलोनी में दो बच्चों वेद श्रीवास और आयुष झारिया की करंट लगने से मौत हो गई थी। इससे पहले गढ़ा शारदा चौक में 20 सितंबर को पंडाल सजाने के दौरान करंट लगने से शिवम ठाकुर (27) की मौत हो गई थी और अभिषेक मुस्कुले (25) झुलस गया था।
अधीक्षण यंत्री के मुताबिक विभाग जांच में सामने आया कि समिति ने अस्थायी कनेक्शन लिया है। इसमें भी एक फेस का कनेक्शन था, जबकि दो फेस डायरेक्ट लगाए गए थे। इसके अलावा दो अन्य कनेक्शन चोरी से लिए गए थे। सड़क पर रोशनी के लिए सीधे खंभे से लाइन डालकर कनेक्शन जोड़ा गया था। अर्थिंग भी नहीं दी गई। लाइट डेकोरेटर मोहित चौहान को आरोपित बनाया है।
हादसों के बाद पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी ने सभी दुर्गा पंडालों के संचालकों को नोटिस जारी किए हैं। इसके साथ ही सभी संभागों में जांच अभियान चलाया गया है।
गुरुवार को पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी सड़कों पर नजर आए। बड़ा सवाल यह है कि जब अस्थाई कनेक्शन लेकर पंडाल या अन्य सजावट करने का नियम है तो अब तक मात्र 125 ने ही राशि क्यों जमा कराई।
मामले में लाइट डेकोरेटर की लापरवाही सामने आई है। उसने चोरी से कनेक्शन लिया व नियमों का पालन नहीं किया। पीड़ित परिवार को दो-दो लाख मुआवजा भी रेडक्रास से दिया है। जांच एक-दो दिन में पूरी हो जाएगी। अनुराग सिंह, एसडीएम, जांच समिति प्रमुख डेकोरेटर ने चोरी से बिजली का कनेक्शन लिया था। दुर्गा उत्सव समिति ने पंडाल के लिए एक टीसी कनेक्शन लिया। दो कनेक्शन सीधे जोड़े गए थे। हादसा भी वहीं हुआ था। - संजय अरोरा, अधीक्षण यंत्री शहर संभाग