Jabalpur Highcourt News: पीएससी प्रारंभिक परीक्षा के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई एक साथ होगी
पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई हाई कोर्ट में संयुक्त रूप से की जाएगी।
By Brajesh Shukla
Edited By: Brajesh Shukla
Publish Date: Mon, 22 Feb 2021 07:54:34 PM (IST)
Updated Date: Mon, 22 Feb 2021 07:54:34 PM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई संयुक्त रूप से की जाएगी। इंदौर खंडपीठ से 29 याचिकाओं को सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में भेज दिया गया है। वहीं छह याचिकाएं मुख्य पीठ जबलपुर में दायर की गई थी। प्रशासनिक न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस वीरेंदर सिंह की युगलपीठ ने राज्य शासन व पीएससी को निर्देश दिया है कि जिन याचिकाओं में जवाब पेश नहीं किया गया, उनमें अगली सुनवाई तक जवाब पेश किया जाए। याचिकाओं की अगली सुनवाई 15 मार्च को निर्धारित की है।
आरक्षण के प्रावधान गलत तरीके से लागू किए गए : सामाजिक संगठन अपाक्स सहित अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया है कि पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण के प्रावधान गलत तरीके से लागू किए गए हैं। पीएससी की परीक्षा में 113 प्रतिशत आरक्षण कर दिया गया है। इसके साथ ही आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) की गलत तरीके से व्याख्या की जा रही है। मैरिट सूची में आने के बाद भी आरक्षित वर्ग के छात्रों को अनारक्षित वर्ग की सूची में स्थान नहीं दिया जा रहा है। इस तरह की मनमानी से आरक्षित वर्ग के आवेदकों को बड़ा नुकसान हुआ है। साथ ही आरक्षण के प्रावधान की मूल भावना भी बाधित हुई है। लिहाजा, दिशा-निर्देश आवश्यक है।
सभी याचिकाओं की सुनवाई संयुक्त रूप से करने की व्यवस्था दी : वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष पाल, रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक शाह ने दलील दी कि राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 के संशोधनों को भी भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया जा रहा है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सभी याचिकाओं की सुनवाई संयुक्त रूप से करने की व्यवस्था दी है।