जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरें निर्धारित करने के मामले में सरकार को निर्णय लेने को कहा। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि इस संबंध में कोर्ट मित्र के साथ विचार कर निर्णय लिया जाए। अगली सुनवाई 24 मई को निर्धारित की गई है।
कोरोना पैकेज पर एतराज : बुधवार को कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ के तीन अंतरिम आवेदनों पर कोर्ट ने सुनवाई की। सीनियर एडवोकेट नागरथ ने कोर्ट को बताया कि कोरोना के इलाज की दरों मे विभिन्नता है। उन्होंने निजी अस्पतालों की ओर से जारी कोरोना इलाज पैकेज पर जोरदार आपत्ति जताई। महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने सभी निजी अस्पतालों में एकसमान रेट तय कर सकने में व्यवहारिक कठिनाइयां बताईं। इस पर कोर्ट ने सरकार को कोर्ट मित्र के साथ विचार कर निर्णय लेने को कहा।
वेंटीलेटर्स की स्टेटस बताओ : सीनियर एडवोकेट नागरथ की दूसरी अर्जी सरकारी अस्पतालों में करीब 100 से अधिक वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के बेकार पड़े होने से संबंधित थी। कोर्ट ने इस पर सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी। सरकार को यह बताने को कहा गया कि जिला अस्पतालों सहित पीएम केयर में प्राप्त वेन्टीलेटर्स का व्योरा पेश कर बताया जाए कि कितने चालू हैं, कितने नहीं।
जब्त रेमडेसिविर के लिए सीएमएचओ दें आवेदन : कालाबाजारी के आरोपितों से जब्त किए गए रेमडेसिविर इंजेक्शन के संबंध में भी कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन इंजेक्शन की सुपुर्दगी के लिए संबंधित सीएमएचओ न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करें। विचार और परीक्षण के बाद हाई कोर्ट इस पर अपना निर्णय देगा।