जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश के 37 जिलों के जिला अस्पतालों में कब तक सीटी स्कैन मशीन लगाई जाएगी। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने राज्य सरकार को जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन के हर कैटेगरी में न्यूनतम रेट तय करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 24 मई को नियत की गई है।
कटनी एनएसयूआइ के जिला अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि कटनी सहित प्रदेश के ज्यादातर जिला अस्पतालों में टेंडर के बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई जा रही है। मामले की सुनवाई के दौरान कटनी सहित पांच जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई। याचिकाकर्ता की ओर अधिवक्ता योगेश सोनी ने आवेदन दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि जिला अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन में बीपीएल, दीनदयाल और आयुष्मान कार्डधारियों का निश्शुल्क सीटी स्कैन किया जाएगा। गरीबी रेखा से ऊपर वालों से 933 रुपये लिया जाएगा। आवेदन में कहा गया कि कटनी जिला अस्पताल में गरीबी रेखा से ऊपर वाले मरीजों से 2500 रुपये लिए जा रहे हैं। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने राज्य सरकार को जिला अस्पतालों की सीटी स्कैन के हर कैटेगरी में न्यूनतम रेट तय करने के निर्देश दिए है।
हाई कोर्ट जज पद पर नियुक्त होंगे छह न्यायिक अधिकारी, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की अनुशंसा : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को छह नए जज शीघ्र मिलेंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपनी बैठक में मध्य प्रदेश के छह वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों को हाई कोर्ट जज बतौर उन्नयन करने की अनुशंसा कर दी है। इनमें वरिष्ठ जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल वर्मा, अरुण कुमार शर्मा, सत्येंद्र कुमार सिंह, सुनीता यादव, दीपक कुमार अग्रवाल व राजेंद्र कुमार वर्मा शामिल हैं। इन नामों को अंतिम निर्णय के लिए केंद्रीय विधि मंत्रालय व राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने पर नियुक्ति पत्र जारी होंगे और शपथ ग्रहण कराई जाएगी।