जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। स्मार्ट सिटीज की जारी रैकिंग में जबलपुर ने शीर्ष 11 में जगह बनाई है। भारत सरकार के शहरी एवं विकास मंत्रालय द्वारा 100 स्मार्ट सिटीज की मई माह की जारी रैकिंग में देश भर में जबलपुर 11 स्थान पर रहा। जबकि इंदौर पहले पायदान पर है। दूसरे स्थान पर सूरत और पांचवे में भोपाल ने जगह बनाई है। वहीं प्रदेश की बात करें तो स्मार्ट सिटीज की रैकिंग में जबलपुर प्रदेश भर में तीसरे स्थान पर है। अप्रैल 2022 की रैकिंग में शहर टाप-20 में भी नहीं अा पाया था। रैकिंग में जबलपुर 28 वें स्थान पर था। बहरहाल मई माह की रैकिंग को देख कलेक्टर व स्मार्ट सिटी कंपनी के अध्यक्ष डा इलैया राजा टी और निगमायुक्त व स्मार्ट सिटी कंपनी कार्यकारी निदेशक आशीष वशिष्ठ, सीईओ स्मार्ट सिटी निधि सिंह राजपूत ने जबलपुर स्मार्ट सिटी को मिली इस उपलब्धि पर खुशी जताई है।
ये मानक तय करते हैं रैकिंग-
भारत सरकार द्वारा जारी रैंकिंग में कई पैमानों को आंका जाता है, जिनके आधार पर रैंकिंग तय की जाती है। जिसमें शहर में प्रगतिरत कार्यो की संख्या, फंड का उपयोग, बोर्ड की बैठकें, ट्यूलिप के तहत इंटर्नशिप, भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही चुनौतियों साइकिल फार चेंज, स्ट्रीट फार पीपल, इट स्मार्ट चैलेंज, नेबरहुड चैलेंज, ट्रांसपोर्ट फार आल सहित अन्य मापदंडों के आधार पर रैकिंग तय की जाती है।
इसलिए जबलपुर ने बनाई बढ़त-
- 654 करोड़ रुपये के विकास व निर्माण कार्य वर्तमान में प्रचलित है। 300 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य कराए जा चुके हैं।
- साइकिल फार चेंज, स्ट्रीट फार पीपल, इट स्मार्ट चैलेंज, नेबरहुड चैलेंज जैसी चुनौतियों को पूरा किया।
- सड़क निर्माण, स्पोर्ट्स काम्लेक्स, हेरिटेज कंसर्वेशन, स्मार्ट लाइट, सोलर, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, डिजिटल लाइब्रेरी, आईटीएमएस, कंट्रोल रूम आदि कार्य किये जा रहे है।
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कुछ कमियां भी
- शहर में स्मार्ट सिटी द्वारा कराए जा रहे सीवर लाइन का काम अधूरा है।
- निर्माण व विकास कार्यों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी
- कार्यों को समय सीमा में पूरा नहीं किया जा रहा
- निर्माण कार्यो के कारण शहर धूल-धूसरित है, जिससे वायु सूचकांक बढ़ रहा।