नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। इन दिनों जबलपुर से पुणे का सफर यात्रियों के लिए सजा बन गया है। बस और फ्लाईट न होने की वजह से उनके पास सिर्फ ट्रेन ही एक अंतिम विकल्प है, लेकिन जबलपुर से एक भी नियमित ट्रेन नहीं है। एक मात्र स्पेशल ट्रेन है, जो सप्ताह में एक दिन चल रही है, लेकिन इसकी धीमी रफ्तार और लेटलतीफी की वजह से इसमें सफर करने वाले यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ा दी है।
दरअसल जबलपुर से पुणे के लिए हर रविवार को ट्रेन 02132 और पुणे से जबलपुर के लिए हर सोमवार को 02131 स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है, लेकिन इस ट्रेन की पंचुल्टी पटरी से उतर गई है। ट्रेन को जबलपुर से पुणे तक का लगभग एक हजार 43 किमी का सफर करीब 16 घंटे 30 मिनट में पूरा करना है, लेकिन हकीकत यह है कि यह 22 घंटे में भी पूरा नहीं हो रहा।
स्पेशल ट्रेन होने की वजह से नियमित ट्रेनों को इससे आगे निकालने के लिए हर जगह ट्रेन के खड़ा कर दिया जाता है। जबलपुर से इटारसी के बीच ट्रेन को मदनमहल, नरसिंहपुर, पिपरिया में ठहराव दिया है, लेकिन यह कभी भी किसी भी स्टेशन और आउटर पर खड़ी कर दी जा रही है।
सुधारने की बजाए बिगड़ी हालत
जबलपुर से दोपहर 1.55 पर स्पेशल ट्रेन 02132 को रवाना किया जाता है। इसे अगले दिन सुबह साढ़े छह बजे पुणे पहुंचना होता है, लेकिन पिछले दो माह से यह ट्रेन तय समय पर भी पुणे नहीं पहुंच रही। ट्रेन लगभग सुबह के 11 बजे पहुंचती है, जबकि इसी दिन सुबह साढ़े 11 बजे ट्रेन जबलपुर से पुणे के लिए रवाना होती है। कई बार देरी से पहुंचने की वजह से ट्रेन को देरी से रवाना किया जाता है। इस वजह से ट्रेन की सफाई के लिए इसे कोचिंग डिपो ले जाने की बजाए प्लेटफार्म पर ही साफ जा रहा है। ट्रेन का समय मिलने के लिए कई बाद तो 30 घंटे के अंदर सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर पुणे स्टेशन प्रबंधन इस ट्रेन को जबलपुर के लिए रवाना कर देता है।
कोच गंदे, अवैध वेंडर की भरमार
जबलपुर से दोपहर 1.50 पर रवाना, मदनमहल से दोपहर 1.58 पर ट्रेन को रवाना किया जाना है, लेकिन सोमनाथ ट्रेन को आगे निकालने के लिए इसे मदनमहल में ही खड़ा कर दिया जाता है । इसके बाद जनता और अन्य ट्रेनों को आगे करने के लिए कभी कछपुरा ताे कभी भेड़ाघाट पर रोक दिया जा रहा है। जबलपुर से इटारसी तक का साढ़े चार घंटे का सफर 6 से 7 घंटे में हो रहा है। ट्रेन में बैठे यात्री हर बार ट्रेन की पंचुल्टी को लेकर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन इसकी सुनवाई नहीं हो रही। ट्रेन के कोच की सफाई और इसमें अवैध वेंडर के कब्जे से यात्री और परेशान हैं।