
जबलपुर। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में दोहरे हत्याकांड को अंजाम देकर फरार मुख्य आरोपित मुकुल सिंह पुणे पहुंच गया है। वारदात के बाद से पुलिस को लगातार चकमा दे रहे आरोपित के पुणे में एक रेस्टोरेंट में ई-पेमेंट करने से उसकी नई लोकेशन का पता चला है। इसके बाद पुलिस की एक टीम पुणे रवाना हो गई है।
मृतक की बेटी भी आरोपित के साथ
आरोपित के साथ उसकी दोस्त और मृतक की बेटी के भी होने की जानकारी है। वारदात के बाद आरोपित और मृतक की नाबालिग बेटी कटनी में देखे गए थे। पुलिस को जांच में यह पता चला है कि दोनों कटनी से पटना-पुणे ट्रेन में सवार हुए थे। पुणे पहुंचने के बाद संभवत: दोनों ने रेस्टोरेंट में खाना खाया। बिल का ऑनलाइन भुगतान किया है, लेकिन जिस प्रकार के पैंतरे आरोपित अपना रहा है, उससे यह बात साफ होती जा रही है कि हत्याकांड को पूरी योजना के साथ अंजाम दिया गया है। शातिर आरोपित वारदात के तीन बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
मृतक और आरोपित पड़ोसी
रेलवे मिलेनियम कालोनी के ब्लाक 363/3 में जबलपुर रेल मंडल में कार्यालय अधीक्षक राजकुमार विश्वकर्मा (52), अपने बेटे तनिष्क (9) और एक नाबलिग बेटी के साथ रहते थे। शुक्रवार को राजकुमार और उसके बेटे का शव सरकारी आवास में मिला था। दोनों की हत्या उनके सिर में धारदार हथियार से वार करके की गई थी। हत्याकांड में कालोनी में ही बाजू के ब्लाॅक में रहने वाला मुकुल सिंह मुख्य आरोपित है। आरोपित की मृतक की नाबालिग बेटी से दोस्ती है। आरोपित के पिता राजपाल सिंह भी रेलवे के संरक्षा विभाग में कार्यालय अधीक्षक हैं। वारदात के बाद आरोपित और मृतक की बेटी एक साथ जाते हुए देखे गए हैं।
छत्तीसगढ़ से खाते में आया रुपया
आरोपित तक पहुंचने का प्रयास कर रही पुलिस ने उसके बैंक खाते और एटीएम को खंगाला है। जांच में पता चला है कि आरोपित के खाते में 30 हजार रुपये भेजे गए हैं। यह राशि छत्तीसगढ़ से आरोपित के खाते में पहुंची है। इस जानकारी के बाद पुलिस की एक टीम छत्तीसगढ़ पहुंच गई है। रुपये भेजने वाले का पता लगाकर उससे पूछताछ की तैयारी है। कटनी में सीसीटीवी कैमरे में आरोपित के साथ दिख रही मृतक की बेटी के हाथ में एटीएम कार्ड देखा गया था।
आंधप्रदेश तक पहुंची पुलिस
आरोपित की तलाश में पुलिस की एक टीम आंधप्रदेश तक पहुंच गई है। सूत्रों के अनुसार आरोपित मुकुल ने कुछ समय तक विशाखापट्टनम में पढ़ाई की है। मुकुल के पिता ने ही उसकाे विशाखापट्टनम के निजी स्कूल में भर्ती किया था। लेकिन वह कुछ समय के बाद ही वहां से भाग कर जबलपुर आया था। वहां से आने के बाद भी उसकी विशाखापट्टनम में साथ पढ़ने वाले कुछ छात्रों से दोस्ती थी। इन दोस्तों में कोई आरोपित को सहयोग तो नहीं कर रहा है, इसकी टोह पुलिस ले रही है।