जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। एमपी स्टेट बार कौंसिल ने कोरोना संक्रमित अधिवक्ता सहायतार्थ राशि आवेदन पत्र अधिवक्ता संघों में उपलब्ध करा दिए हैं। लिहाजा, मध्य प्रदेश के किसी भी जिले या तहसील में निवास करने वाले वे अधिवक्ता, जो कि कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित हुए थे, वे 25 हजार रुपये की सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
स्टेट बार सचिव प्रशांत दुबे ने बताया कि स्टेट बार चेयरमैन डॉ. विजय कुमार चौधरी के निर्देश पर अधिवक्ता सहायता योजना को गंभीरता से संचालित किया जा रहा है। इसके तहत जो वकील कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे और किसी प्रकार के मेडीक्लेम धारक नहीं हैं, न ही आयकरदाता हैं, उन्हें पात्रता सूची में रखा जा रहा है।
ऐसे वकील आवेदन भरकर संबंधित अधिवक्ता संघ में जमा करेंगे। अधिवक्ता संघ आवेदनों को प्रमाणित करेगा। इसके बाद स्टेट बार भेजेगा। आवेदन पत्र के साथ चिकित्सक का प्रमाण पत्र, कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट, सीटी स्कैन की रिपोर्ट व चिकित्सा में आए खर्च का ब्यौरा देना होगा। बिल की मूल प्रतियां संलग्न करनी होगी। बैंक की पासबुक की स्पष्ट छाया प्रति भी लगानी होगी। स्टेट बार उपाध्यक्ष आरके सिंह सैनी, को-चेयरमैन मनीष तिवारी व प्रवक्ता राधेलाल गुप्ता ने वकीलों ने लाभ लेने की अपील की है।
भारत के वकीलों के हितों का संरक्षण करने राष्ट्रीय संगठन गठित : अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच, जबलपुर ने भारत के वकीलों के हितों का संरक्षण करने की मंशा से राष्ट्रीय स्तर का संगठन गठित किया है। इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बतौर सर्वसम्मति से अधिवक्ता चंद्रकुमार वलेजा को मनोनीत किया गया। बैठक में कोर कमेटी के सभी सदस्य शामिल हुए। अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा ने बताया कि राष्ट्रीय संगठन का मूल लक्ष्य देश के सभी वकीलों की समस्याओं को दूर करना है। इसके तहत मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पूर्व में एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी। जिसके जरिये वकीलों के लिए स्वास्थ्य बीमा की मांग उठाई गई थी। भविष्य में वकीलों के उत्थान को लेकर अन्य जनहित याचिकाएं भी दायर की जाएंगी। इसकी तैयारी जारी है।
अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चंद्रकुमार वलेजा के अलावा वेद प्रकाश नेमा, जमील कुरैशी, हेमलता क्षित्रय, अंजली श्रीवास्तव, विभा पाठक, जय सचदेवा, मनोज सनपाल, राजेश पंजवानी, तरुण पटेल, माधव मालवीय, सुधीर पांडेय, टीकाराम कुर्मी, केके शर्मा, पवन कुमार सक्सेना, महेंद्र कुमार कुर्मी, विवेक राज बहुत्रा, ओम प्रकाश रामानी व कपिल रामानी सहित अन्य अधिवक्ता शामिल रहे।