जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। बार्डर में तैनात आइटीबीपी के जवानों को सुरक्षित नेटवर्क पर बातचीत करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि दुश्मन के कानों तक कोई अहम जानकारी न पहुंच सके। पहली दफा दूरसंचार प्रशिक्षण संस्थान भीमराम अंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेलीकॉम ट्रेनिंग में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक माह चलने वाले इस प्रशिक्षण में 30 अफसरों को शामिल किया गया है।
भीमराम आंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेलीकॉम ट्रेनिंग में जनसंपर्क अधिकारी पंकज राय ने बताया कि शहर में पहली दफा आईटीबीपी के अफसरों को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऐसी ट्रेनिंग इससे पहले सेना के अफसरो को इस संस्थान में नहीं दी गई है। इसमें आप्टीकल फाइबर,सैटेलाइट एवं एडवांस माइक्रोवेव कम्युनिकेशन विषय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में तैनात होने वाले अफसर कैसे आपस में कम्युनिकेशन करे इसके लिए बेहतर प्रबंधन पर चर्चा की जाएगी। पंकज के मुताबिक तीन तरह से कम्युनिकेशन होता है इसमें आप्टीकल फाइवर बिछाकर डेटा पास होता है। वहीं माइक्रोवेव कम्युनिकेशन जिसमें दो टॉवर के बीच ट्रांसमीटर रिसीवर के जरिए चुनिंदा दायरे के बीच संवाद किया जाता है। इसके अलावा सैटेलाइन फोन का इस्तेमाल भी सुरक्षित बातचीत के लिए होता है।
5 जी टेक्नोलॉजी से परिचय: सेना के अफसरों को डेटा सुरक्षित रखने समेत 5 जनरेशन तकनीक के बारे में भी बताया जाएगा। पंकज राय के मुताबिक इस एडवांस तकनीक के बारे में भी प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ये एक माह प्रशिक्षण होगा। 22 फरवरी को उद्घाटन सत्र होगा। जिसमें सांसद राकेश सिंह,आईजी बीएस चौहान,रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.कपिल देव मिश्र उपस्थिति रहेंगे।