जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। कोरोना काल में रंगकर्मियों के सामने जीवन यापन व कार्य को लेकर बुरे हालात बन चुके थे। नाटक न होने से रंगकर्मियों के पास काम नहीं था। इस समस्या का सामना करते हुए समागम रंगमंडल के कलाकारों ने रंगकर्म के साथ ही फिल्म निर्माण में भी अपना हुनर दिखना शुरू कर दिया है। समागम रंगमंडल के डायरेक्टर आशीष पाठक ने बताया कि कोरोना के पांच माह में समागम रंगमंडल के कलाकारों ने करीब 35 शॉर्ट फिल्मों का निर्माण किया है। जिससे कलाकारों को फिल्मों के बारे में भी जानकारी मिल रही है।
गौरतलब है कि शहर के रंकर्मियों का कहीं न कहीं उद्देश्य होता है फिल्मों में काम करना। फिल्मों में अभिनय से लेकर बैक स्टेज में भी युवा कलाकार लगातार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन रंगमंच और फिल्मी दुनिया में कुछ न कुछ तकनीकी अंतर होता है। अब क्योंकि फिल्मों से जुड़ी तकनीक व कौशल का युवाआें के पास अनुभव नहीं होता तो फिल्मों में जाने के बाद संघर्ष करना पड़ता है। शहर के युवाओं को फिल्मों में अभिनय व तकनीकी निर्माण के बारे में जानकारी देने के लिए ही समागम रंगमंडल द्वारा बीते माहों में फिल्म निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है। युवा रंगकर्मियों में भी फिल्म निर्माण को लेकर काफी उत्साह नजर आ रहा है।
रंगकर्मियों का मानना है कि शहर में इन दिनों फिल्मों की शूटिंग भी हो रही है। फिल्मों में काम करने के लिए ऑडिशन भी किए जा रहे हैं। इसलिए युवाओं को फिल्म निर्माण के बारे में पता होना चाहिए। पिछले कुछ सालों में शहर में फिल्म निर्माण व फिल्मों में अभिनय भी एक बेहतर करियर विकल्प के रूप में सामने आ रहा है। जिसमें रंगकर्मी भी बढ़-चढ़ कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।