
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पुलिस विभाग से रिटायर्ड डीएसपी की 10 प्रतिशत स्थाई पेंशन कटौती का आदेश निरस्त कर दिया है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आदेशित किया है कि काटी गई पेंशन को तीन माह के भीतर वापस किया जाए।
डीएसपी के पद से सेवानिवृत्त हुए : रिटायर्ड डीएसपी अशोक राणा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वह 31 जनवरी, 2017 को अजाक कटनी डीएसपी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवा में रहने के दौरान याचिकाकर्ता की ड्यूटी एक से नौ फरवरी 2014 तक जबलपुर में आरक्षक चयन प्रक्रिया में लगाई गई थी। पांच फरवरी, 2014 का उनका अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में जांच कराई, इसके बाद आइजी जबलपुर ने उनका 30 दिन का अर्जित अवकाश स्वीकृत किया। याचिकाकर्ता को कई प्रकार की बीमारियां होने के कारण वह सात दिसंबर 2014 तक अवकाश पर रहा, जिसकी सूचना कटनी एसपी को समय-समय पर दी जाती रही। इस मामले में उन्हें 16 अप्रैल 2014 को डीजीपी ने शोकॉज नोटिस दिया। जिसका उन्होंने दो अक्टूबर, 2014 को जवाब दे दिया, लेकिन प्रकरण का निराकरण नहीं किया गया। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई। हाई कोर्ट ने डीजीपी को तीन सप्ताह में प्रकरण निराकरण करने का निर्देश दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई। 31 जुलाई, 2018 को जबलपुर आइजी ने उनके खिलाफ 10 प्रतिशत स्थाई पेंशन कटौती का आदेश दिया। अधिवक्ता आकाश चौधरी के तर्क सुनने के बाद एकलपीठ ने रिटायर्ड डीएसपी की 10 प्रतिशत स्थाई पेंशन कटौती का आदेश निरस्त कर दिया है।