जबलपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
रेलवे के ए वन श्रेणी में आने वाले जबलपुर रेलवे स्टेशन को रेल हब बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। एक ओर मुख्य रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाया जा रहा है तो वहीं मदनमहल स्टेशन का विस्तार कर टर्मिनल बनाने का काम चल रहा है। इधर, हाऊबाग रेलवे स्टेशन की खाली जमीन पर कोचिंग कॉम्प्लेक्स के लिए इस बार बजट में प्रावधान भी कर दिया गया है, लेकिन बजट में महज मदनमहल और हाऊबाग, दोनों के लिए सिर्फ 5 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जिससे योजना फिर एक साल पीछे हो गई है।
छोटा पड़ने लगा जबलपुर कोचिंग डिपो
मुख्य रेलवे स्टेशन से लगे जबलपुर कोचिंग डिपो में अभी 6 पिट लाइन है। एक से दो पिट लाइन में खराब कोच को खड़ा किया जाता है। एक पिट लाइन में कोच की मरम्मत होती है तो वहीं एक पिट लाइन को इंजन बदलने के लिए खाली रखा जाता है। ट्रेनों की सफाई-धुलाई के लिए सिर्फ दो पिट बचती हैं। जबलपुर से रवाना होने वाली नियमित और स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ी है, जिससे यह डिपो अब छोटा पड़ने लगा है। इसलिए हाऊबाग स्टेशन की खाली जमीन पर जल्द से जल्द कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का दबाव बढ़ गया ह।
कोचिंग कॉम्प्लेक्स की यह है योजना
- हाऊबाग रेलवे स्टेशन में तकरीबन 30 एकड़ जमीन खाली है, जो शहर के बीच में है।
- यहां पर कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाकर ट्रेनों की धुलाई-सफाई से लेकर मरम्मत का काम होगा।
- इसके अलावा ट्रेनों के खाली रैक को यहां खड़ा किया जाएगा, इसके लिए पिट लाइन होगी।
- एक वक्त में कम से कम 12 ट्रेनों की सफाई-धुलाई से लेकर मरम्मत होगी।
- इसके साथ ही 10 से 12 ट्रेनों के रैक को भी यहां खड़ा किया जाएगा।
कछपुरा में कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाने पर मंथन
पश्चिम मध्य रेलवे को इस बार बजट में तकरीबन 15 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, लेकिन मदनमहल और हाऊबाग के लिए महज 5 करोड़ रुपए ही मिले हैं। इसमें से तकरीबन ढाई करोड़ ही हाऊबाग में कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए मिलेंगे। वर्तमान में यहां न तो रेल लाइन है और न ही स्टेशन। चारों तरफ सिर्फ बंजर जमीन है। इतने बजट में कोचिंग कॉम्प्लेक्स का काम भी मुश्किल होगा। जबलपुर रेल मंडल अब कछपुरा में कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाने पर मंथन कर रहा है, इसकी वजह यहां पर पहले से रेल लाइन और स्टेशन होना है।