जबलपुर, नई दुनिया रिपोर्टर। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य विद्यार्थी को ज्ञान, कौशल और संस्कार से पूरिपूर्ण करना है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिये कोर कमेटी का गठन कर लिया है। गठित संचालन समित द्वारा नयी नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने पर भी काम प्रारंभ कर दिया है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के लिए जरूरी बदलावों का अध्ययन किया किया जा रहा है और इसके अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं। यह जानकारी कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आयोजित आनलाईन वेबिनार में मुख्य आतिथ्य के रूप में कही।
भारतीय शिक्षण मंडल एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका’ विषय पर आयोजित आनलाइन एक दिवसीय वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप मे माशिमं जनरल सेक्रेट्ररी डाॅ. उमाशंकर पचौरी ने कहा कि एनईपी में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है।
शिक्षा के कारण ही हम राष्ट्र निर्माण की आधारशिला को संबल प्रदान कर सकते हैं। हमारे देश में वर्तमान पाठ्यक्रम और योजनाएं साढ़े तीन दशक पहले की शिक्षा नीति पर आधारित था, यह व्यक्ति की रचनात्मक सोच तथा अनुसंधान कौशल की गुणवत्ता को प्रभावित करती रही है क्योंकि सृजन शक्ति का मूल स्रोत हमारा भारतीय दर्शन है। इसी को ध्यान में रखकर नई नीति का उद्देश्य जीवन जीने की शिक्षा प्रदान करना है, शिक्षा और जीवन के बीच की कड़ी को सुदृढ़ करना है।
सार्थक प्रयासों से ही मिलेगी सफलता: आनलाइन वेबिनार के विशिष्ट वक्ता के रूप में भाशिमं महाकौशल प्रांत की अरून्धति क्वाडकर ने कहा कि सभी के द्वारा किए गए संयुक्त प्रयासों से सफलता जरूर प्राप्त होगी। आज ध्येय के अनुरूप भारतीय शिक्षा पद्धति की अवधारणा को पुनः संशोधित करने एवं अनुसंधान वृत्ति के गुण को संवर्धित करने की महती आवश्यकता है। भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय दर्शन के मूल्यों और विशिष्टता के अनुरूप सम्मिलित किया गया है।
आनलाइन वेबिनार में विशिष्ट वक्ता के रूप में पूर्व कुलपति एवं रादुविवि वरिष्ठ आचार्य प्रो. एसएस पाण्डे ने एनईपी की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है। जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं। भाशिमं प्रांत मंत्री डाॅ. कमलेश मिश्र ने एनईपी का सारांश प्रस्तुत करते हुए बताया कि नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। आनलाईन वेबिनार में अतिथियों का वाचिक स्वागत भाषिमं प्रांत सम्पर्क प्रमुख डाॅ. अतुल दुबे एवं संचालन रादुविवि परीक्षा नियंत्रक प्रो.एन.जी.पेण्डसे ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन रादुविवि कला संकायाध्यक्ष प्रो. धीरेन्द्र पाठक ने किया। वेबिनार आयोजन में भाशिमं प्रांत कार्यालय प्रमुख डाॅ. धीरेन्द्र त्रिपाठी, रादुविवि के डाॅ. अजय मिश्रा, एवं चेतन कुमारवत का सक्रिय योगदान रहा।