जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भारी तोड़फोड़ कर चौराहों पर बनाए गए लेफ्ट टर्न वाहन चालकों के लिए सुविधा कम समस्या ज्यादा खड़ी कर रहे हैं। शहर के करीब एक दर्जन से ज्यादा चौराहों पर लाखों रुपये खर्च कर भारी भरकम मशीनरी और मानव संसाधन का उपयोग कर बनाए गए लेफ्ट टर्न अब कब्जे की भेंट चढ़ गए हैं। हालात ये है कि करीब छह साल पहले बनाए गए तीन पत्ती चौक, ब्लूम चौक, दमोहनाका, हाईकोर्ट चौक सहित शहर के भीड़ वाले मुख्य चौराहों के लेफ्ट टर्न पर ही चाय, पान, फल, रेहड़ी वालों ने ठेले, टपरे जमा लिए हैं। यहां तक लेफ्ट टर्न में कार, बाइक भी खड़ी की जाने लगी है। जिसके कारण वाहन चालक चौराहों पर बाएं तरफ मुड़ने के लिए लेफ्ट टर्न को उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें चौराहों पर ही सिग्नल के ग्रीन होने के इंतजार में खड़े रहना पड़ रहा है।
विवादों के साए में खोले लेफ्ट टर्न, फिर भी फ्री नहीं हो पाए चौराहे: नगर निगम ने चौराहों पर बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने के लिए तत्कालीन निगमायुक्त वेदप्रकाश ने करीब 16 चौराहों-तिराहों को चौड़ा कर लेफ्ट टर्न खुलवाए थे। इसमें अवरोधक बने मकानों को तोड़ने के दौरान काफी विवाद भी हुआ। पत्थरबाजी से लेकर लाठी चार्ज तक हुआ। कई के सिर फूटे तो कई घायल हो गए। इतनी मशक्कत के बाद जैसे-तैसे बनाए गए इन लेफ्ट टर्न अधिकांश अब भी फ्री नहीं हो पाए हैं। नगर निगम, जिला प्रशासन और यातायात पुलिस भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रही।
इंडियन रोड कांग्रेस के मापदंड पर खरे नहीं: इतना ही नहीं शहर के चौराहों में यातायात दबाव को कम करने के लिए बनाए गए लेफ्ट टर्न इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों पर भी खरे नहीं उतर रहे हैं। जानकारों की माने तो किसी भी चौराहे में लेफ्ट टर्न इस तरह बनाया जाना चाहिए कि मोड़ पर 200 मीटर फासला साफ नजर आए। यानी वाहन जब मुड़े तो उन्हें 200 मीटर तक साफ दिखना चाहिए कि बीच में कोई अवरोधक नहीं है। लेकिन शहर में बनाए गए अधिकांश लेफ्ट टर्न ऐसे हैं जहां मोड़ पर 200 मीटर तो दूर 10 से 50 मीटर की दूरी भी साफ नजर नहीं आती। लेफ्ट टर्न पर अब कब्जे हो जाने से वाहन चालक लेफ्ट टर्न का उपयोग भी नहीं कर पा रहे हैं।
लेफ्ट टर्न के ये हैं हाल :
तीनपत्ती चौराहा
- तीनपत्ती की रोटरी और ऑयरलैण्ड हटाकर इसकी तस्वीर बदल दी गई।
- चारों लेफ्ट टर्न खुलने पर यह चौराहा पहले की तुलना में दोगुना चौड़ा हो गया है लेकिन कब्जे होने से लेफ्ट टर्न का उपयोग नहीं हो पा रहा है।
- चौराहे से हर दिन करीब डेढ़ लाख वाहन गुजरते हैं।
नौदराब्रिज
- तीन लेफ्ट टर्न खोले गए थे, रसल चौक और ज्योति टॉकीज की तरफ कब्जा होने से
- तीन लेफ्ट टर्न यहां भी खुल चुके हैं। चौथे लेफ्ट टर्न यानी ज्योति टॉकीज की तरफ कब्जा होने से वाहन चालकों को परेशानी हो रही है।
- हर दिन यहां से एक लाख वाहन गुजरते हैं।
ब्लूमचौक
- चारों तरफ के लेफ्ट टर्न खुल चुके हैं। लेकिन होमसाइंस कॉलेज से तीन पत्ती की तरफ और शास्त्री ब्रिज से होमसाइंस कॉलेज तरफ वाहनों की पार्किंग से वाहन चालक लेफ्ट टर्न का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
- हर दिन करीब सवा लाख वाहन गुजरते हैं।
यातायात तिराहा
- रानीताल की ओर मुड़ने के लिए लेफ्ट टर्न खुल गया है। रानीताल से मालवीय चौक की ओर जाने वाली सड़क वैसी ही है।
- इतना जाम लग रहा है कि दिनभर यातायात पुलिस को कमान संभालनी पड़ती है।
- यहां हर दिन करीब 50 हजार वाहन गुजरते हैं।
दमोहनाका
- चौराहे पर चारों तरफ के लेफ्ट टर्न खोल दिए गए हैं। लेकिन व्यस्तम चौराहों में शुमार इस चौराहे में बसें, कार, दोपहिया वाहन लेफ्ट टर्न पर खड़े करने से यातायात व्यवस्था चौपट हो रही है। रानीताल तरफ जाने वाले लेफ्ट टर्न में होटल वालों ने कब्जा कर रखा है।
- यहां से रोजाना एक लाख वाहन गुजरते हैं।
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शहर में खोले गए लेफ्ट टर्न तय मापदंडों के तहत नहीं बनाए गए हैं। लेफ्ट टर्न ऐसा हो कि मोड़ पर 200 मीटर तक फासला देखा जा सके। लेकिन शहर के लेफ्ट टर्न बहुत सकरे हैं।
-अर्पित पांडे, आर्किटेक्ट