जितेंद्र मोहन रिछारिया, जबलपुर नईदुनिया। चौदहवीं वर्षगांठ... बाल्यावस्था से युवा जीवन की ओर बढ़ते कदम। बचपन की मजबूत नींव के सहारे भविष्य के सुनहरे सपने देखने की उमर। आपका नईदुनिया भी इसी दौर में है। पत्रकारिता की मजबूत कड़ी के सहारे संस्कारधानी के आंगन में 14 साल पहले आया था नईदुनिया। इतने कम समय में ही जबलपुर शहर ही नहीं, महाकोशल, विंध्य और बुंदेलखंड की आवाज बन गया। इतिहास की थाती को संभाले हुए नईदुनिया इन 14 साल में हर वर्ग, समाज, विचार, धर्म के साथ खड़ा रहा। उनके दुख-दर्द को दूर करना अपना फर्ज माना। 1947 में देश को आजादी मिलने के कुछ समय पहले इंदौर से शुरू हुई नईदुनिया की पत्रकारिता यात्रा ने कई आयाम रचे हैं। कभी असत्य के आगे नहीं झुकने वाले नईदुनिया को इस देश ने यूं ही पत्रकारिता की नर्सरी नहीं कहा। हमेशा अपनी हिंदी भाषा के प्रति आग्रही रहे नईदुनिया ने अपने प्रतिमान गढ़े तो प्रदेश को सही हिंदी भी सिखाई। उन्हीं आदर्शों को लेकर जबलपुर आए नईदुनिया ने बीते 14 साल में संस्कारधानी के संस्कारों में अपने आदर्शों को नई ऊंचाई दी। पहले दिन से आज तक नईदुनिया की कोशिश रही कि जबलपुर... महाकोशल... विंध्य... बुंदेलखंड विकास की अपनी नई राह रचें। यहां के जनप्रतिनिधियों ने नईदुनिया की बात को न केवल मान दिया बल्कि परंपरागत विचारों के ऊपर विकास की नई दुनिया माना। इन 14 सालों में हर क्षेत्र की तस्वीर बदली है। इस बदली हुई तस्वीर को सजाने-संवारने में नईदुनिया के आग्रही भाव का योगदान भी रहा है। समय-समय पर नईदुनिया ने समाज, सत्ता और शासन को अच्छे-बुरे का फर्क जिम्मेदारी के साथ बताया। हमें फख्र है कि इस अंतर को सबने न केवल महसूस किया बल्कि उतनी ही गंभीरता के साथ अच्छी बातों को आत्मसात किया और लागू किया। ऐसा कई बार हुआ जब नईदुनिया की लकीर को समाज ने आगे बढ़ाया। सत्ता ने अपने कदमों को नईदुनिया की सलाह पर जनहित में साधा। शासन ने नईदुनिया के जनसरोकारों को पूरा करने में कसर नहीं छोड़ी। क्षेत्र के व्यापार-व्यवसाय की नीर-क्षीर रिपोर्टिंग नईदुनिया की पहचान रही है। इसे यहां पर भी कायम रखा। हर तरह के व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लाखों-लाख पाठकों ने हमारी विश्वसनीयता पर अपना भरोसा बनाए रखा और अपने कारोबार को आगे बढ़ाया। नईदुनिया अपने हजारों-लाखों पाठकों को विनम्रता से धन्यवाद देना चाहता है कि उनके भरोसे और लगाव के चलते ही यह सब संभव हो पा रहा है। हर वर्ग के हमारे पाठक ही नईदुनिया परिवार का संबल हैं। एक अभिभावक की तरह गलती पर टोकना और अच्छे काम पर शाबासी देना भी हमारे पाठक खूब जानते हैं। अक्सर आने वाली फोन कॉल और पत्र इसकी गवाही देते हैं। पाठकों को इस अवसर पर हम भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनके हित के लिए नईदुनिया सदैव अडिग रहेगा। आप सब पाठकों के संरक्षण में ही तो नईदुनिया ने अपनी नींव मजबूत करते हुए सुनहरे भविष्य के सपने देखे। अब इन सपनों को साकार करने का समय आ गया है। 15वें साल में प्रवेश करते हुए नईदुनिया भविष्य में भी राष्ट्रीय भाव को प्रमुखता देते हुए हिंदी का मान-सम्मान बरकरार रखेगा। जबलपुर, महाकोशल, विंध्य और बुंदेलखंड के साथ नईदुनिया हमेशा खड़ा रहेगा। यह हमारा संकल्प है।