जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। महाकोशल विज्ञान परिषद व शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के सहयेाग से मध्यप्रदेश विज्ञान व प्रोद्योगिकी परिषद भोपाल द्वारा ऑनलाइन आयोजन किया गया। जहां फ्यूचर ऑफ एसटी आइ इंपैक्ट आन एजुकेशनल स्किल एंड वर्क विषय पर बात की गई। विज्ञान बिना इनोवेशन के अधूरा है। टैक्नोलॉजी के डेवलपमेंट के लिए इनोवेशन की आवश्यकता होती है। विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति जागरूकता व विज्ञान के नए नवाचारों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए अंतर महाविद्यालयीन प्रतियोगताओं का आयोजन किया गया।
भाषण प्रतियोगिता साइंस एंड टैक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट विषय पर हुई। जिसमें प्रतिभागियों ने विषय के संबंध में कई रोचक जानकारियां दीं। इसी तरह पोस्टर में वैक्सीन मिथ एंड फैक्ट विषय पर आधारित पोस्टर प्रतिभागियों ने बनाए। न्यू एरा टैक्नोलॉजी मॉडल ग्रीन एनर्जी विषय पर छात्र-छात्राओं ने पेंटिंग की। जहां तकनीकी के नए-नए रूपों को दर्शाया। साइंस टैक्नोलॉजी एंड इनोवेशन विषय पर निबंध प्रतियोगिता हुई।
प्राचार्य डॉ. महोबिया ने अतिथियों का स्वागत किया और विद्यार्थियों से कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से भविष्य की चुनौतियों व संभावनाओं के प्रति जागरूक हों। मध्यप्रदेश विज्ञान व प्रोद्योगिकी परिषद के महानिदेशक अनिल कोठारी ने कहा कि जब भी कोई समस्या आती है जैसे कोविड- 19, तो इस समय में हमने देखा कि पूरा देश विज्ञानियों की ओर देखता रहा। अत: विज्ञान व विज्ञानियाें की सोच बहुत आवश्यक है। हमारे विज्ञानियों ने वैक्सीन बनाने में में सफलता प्राप्त की है उससे भारत का गौरव पूरे विश्व में बढ़ा है।
रादुविवि के कुलपति प्रो.कपिल देव मिश्र ने कहा कि नवाचार विज्ञान व तकनीकी द्वारा ही आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. राकेश सक्सेना ने कहा कि विद्यार्थियों को हमेशा अपडेट रहना चाहिए। डॉ. अखिलेश गुप्ता ने साइंस टैक्नोलॉजी एंड इनोवेशन पॉलिटसी के बारे में विस्तार से समझाया। साथ ही कहा कि विज्ञानी समाज व मानव जाति के कल्याण से जुड़ी रिसर्च करें और समस्याओं को हल करें। विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव प्रवीण रामदास ने कहा कि हमारे विज्ञानियों ने स्वतंत्रता आंदोलन के समय अपने ढंग से भारत का गौरव बढ़ाया है। कार्यक्रम में डॉ. सुरेंद्र सिंह का मार्गदर्शन रहा। संचालन डॉ. सुनीता शर्मा ने व आभार डॉ.शिखा सक्सेना ने दिया। अतिथि परिचय डॉ. प्रशांत सेलट व इंजीनियर प्रभात दुबे ने की। डॉ. निपुण सिलावट ने पुरस्कारों की घोषणा की।