जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कोरोना संक्रमण से ग्रस्त मरीजों के लिए संजीवनी का काम कर रही ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए रेलवे ने बीड़ा उठाया है। रेलवे द्वारा चलाई जा रही ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मदद से मध्यप्रदेश के जबलपुर, सागर और भोपाल में ऑक्सीजन के टैंकर पहुंचाए जा रहे हैं।
मंगलवार को झारखंड के बोकारो रेलवे स्टेशन से पहली बार जबलपुर, सागर और भोपाल के लिए छह ऑक्सीजन टैंकर लेेेेकर ट्रेेेन रवाना हुई। इनमें एक टैंकर जबलपुर भेजा गया, वहीं तीन टैंकर सागर और बाकी दो टैंकरों को भोपाल ले जाया गया।
रात 11 बजे ऑक्सीजन टैंकरों का रैक कटनी पहुंचा। यहां से एक टैंकर को लेकर विद्युत इंजन की मदद से जबलपुर के भेड़ाघाट पहुंचाया गया। यहां से सड़क के रास्ते आज ऑक्सीजन टैंकर को जबलपुर लाया जाएगा।
दो आने थे टैंकर, एक ही मिला: रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस में लोड किए गए छह टैंकर में से दो जबलपुर भेजे जाने थेए लेकिन दोपहर को निर्णय बदल दिया गया। छह में से एक ही टैंकर जबलपुर आया। शेष पांच में से तीन टैंकर मकरोनिया रेलवे स्टेशन पर देर रात उतारने के बाद दो टैंकर लेकर ऑक्सीजन एक्सप्रेस भोपाल के मंडदीप के लिए रवाना हो गई।
एक्सप्रेस के लिए बना ग्रीन कॉरिडोर: रेलवे ने पैसेंजर और मालगाड़ियों के संचालन से ज्यादा ऑक्सीजन एक्सप्रेस को समय पर चलाने के लिए खास तैयारी की है। इसके लिए जबलपुर रेल मंडल से खासतौर पर कटनी से बीना के बीच रेलवे ट्रैक को ग्रीन कॉरिडोर बदला है। यानि इसके संचालन के दौरान अन्य सभी ट्रेनों को या तो रोक दिया जाएगा या फिर उसकी गति धीमा कर इसे निकाला जाएगा।
रेलवे ने की खास तैयारी: ऑक्सीजन एक्सप्रेस को चलाने के लिए रेलवे ने खासतौर पर तैयारी की है। इसके लिए ट्रेन की गति टैक और रूट पर खास ध्यान दिया जा रहा है। एक्सप्रेस में लीक्यूएड मेडिकल आक्सीजन क्रायोजेनिक लोड है, इसलिए इसकी गति के लिए एक्सपर्ट की मदद ली गई है।