
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जबलपुर से संतरागाची के बीच हफ्ते में एक दिन चलने वाली फुल एसी कोच हमसफर ट्रेन में स्लीपर कोच भी लगाए जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने जबलपुर के यात्रियों को राहत दी है। खास बात यह है कि इस ट्रेन का किराया भी 15 फीसदी कम होगा।
हालांकि अभी यह तय नहीं है कि मंगलवार से रवाना होने वाली हमसफर में यह दोनों सुविधाएं मिलेंगी। पश्चिम मध्य रेलवे का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में आदेश तो जारी कर दिया है, लेकिन अभी तक नोटिफिकेशन नहीं दिया है। सोमवार को यदि नोटिफिकेशन जारी होता है तो मंगलवार को रवाना होने वाली हमसफर को स्लीपर कोच के साथ चलाया जा सकता है।
ट्रेन की आधी सीटें बुक, रियायत पर संशय
जबलपुर समेत देशभर में चलने वाली सभी हमसफर की सीटों पर रेलवे विशेष किराया लगाता है, जो 15 फीसदी होता है, लेकिन अब इसे हटाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि यात्रियों का कहना है कि ट्रेन में चार माह पहले ही सीटों का आरक्षण शुरू हो जाता है। हमसफर ट्रेन में यात्रियों ने जनवरी तक की सीटें आरक्षित करा ली हैं, वो भी 15 फीसदी ज्यादा किराए के साथ। अब यदि विशेष किराया हटा लिया जाता है तो जिन यात्रियों ने पहले ही आरक्षण कराया है, उनका क्या होगा। अभी तक यह संशय रेलवे ने दूर नहीं किया है।
50 फीसदी भी नहीं भर पाती सीटें
जबलपुर-संतरागाची के बीच चलने वाली हमसफर में 16 कोच हैं, लेकिन फुल एसी और 15 फीसदी ज्यादा किराया होने की वजह से यात्री इस ट्रेन में सफर नहीं करते हैं। हालात यह है कि इस ट्रेन में 50 फीसदी सीटें भी बमुश्किल से आरक्षित होती हैं। सूत्रों के मुताबिक घाटे में चल रही हमसफर को फायदे में लाने के लिए दो बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। इस ट्रेन में 16 एसी कोच के साथ एलएचबी के 4 स्लीपर कोच भी लगेंगे। यह कोच रेलवे बोर्ड भेजेगा।
यह होगा फायदा
- हमसफर के एसी और स्लीपर, दोनों में साधारण किराया लगेगा
- स्लीपर कोच लगने से साधारण यात्री भी सफर कर सकेंगे
- इस रूट पर मेल और शक्तिपुंज ट्रेन चलती है, जिसमें साधारण किराया है
- हमसफर का किराया ज्यादा होने से यात्री, दूसरी दो ट्रेनों में ही सीट आरक्षित कराते हैं
रेलवे बोर्ड ने हमसफर में स्लीपर कोच लगाने और 15 फीसदी विशेष किराया कम करने के आदेश दिए हैं, लेकिन जोन को इस संबंध में नोटिफिकेशन नहीं मिला है। सोमवार को बोर्ड से निर्देश मिलते हैं तो मंगलवार को रवाना होने वाली हमसफर में रियायत और स्लीपर कोच की सुविधा मिल सकती है। - प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ, पमरे