Jabalpur News: ड्यूटी पर न आने वालों का वेतन रोकने का फरमान तुगलकी
संघ ने कहा कि ड्यूटी पर न आने वालों को वेतन काटने का आदेश तुगलकी है।
By Ravindra Suhane
Edited By: Ravindra Suhane
Publish Date: Tue, 01 Jun 2021 02:05:00 PM (IST)
Updated Date: Tue, 01 Jun 2021 02:05:52 PM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। अप्रैल से 10 जून तक शासन द्वारा सभी स्कूलों में छात्रों एवं शिक्षकों के लिए ग्रीष्मावकाश घोषित किए गए हैं। इस अवकाश अवधि में जनता कर्फ्यू भी लागू है, जिसमें केवल अति आवश्यक सेवा ही दी जा रही हैं। इस दौरान कुछ चुनिन्दा शिक्षकों को कोविड कंट्रोल रूम में अपनी सेवायें देने के लिए आदेशित किया गया है। हालांकि जिन शिक्षकों की कोरोना कंट्रोल रूम में डयूटी लगाई गई है, उनमें से अधिकतर ज्यादा उम्र के महिला एव पुरूष शिक्षक हैं। इनमें से कई तो गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित हैं। यह कहना है मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ का।
कारण भी बताया, फिर भी नहीं माना प्रशासन: संघ ने कहा कि ड्यूटी पर न आने वालों को वेतन काटने का आदेश तुगलकी है। शिक्षकों की परेशानी को अनदेखा करते हुए यह आदेश जारी किया गया है। जबकि कोरोना काल के दौरान उनकी 40 से 50 किमी. मुख्यालय से दूर लगाई गई है। स्वयं अथवा परिजनों के कोरोना संक्रमण से पीडित होने के कारण वह अपने कर्तर्व्यो को पूरा न कर ड्यूटी पर नहीं आ सके। शिक्षकों द्वारा पर्याप्त कारण बताकर उन्हें इस ड्यूटी से मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन से निवेदन भी किया गया था, लेकिन शासन की हठधर्मिता के कारण ग्रीष्मावकाश अवधि मे वेतन रोकने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है।
शासन का शिक्षकों के प्रति दोहरा मापदण्ड —
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, मुन्ना लाल पटैल, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन आदि ने कलेक्टर जिला जबलपुर से मांग की है की शासन द्वारा घोषित ग्रीष्मावकाश अवधि में किसी भी शिक्षक का वेतन न रोका जावे।