Jabalpur News: विदेश प्रवास के दौरान जो सीखा वह भारत में लागू कराने की जिद
भारत की सड़कों में बाएं तरफ पैदल चलने के नियम को चुनौती देने को लेकर जबलपुर निवासी एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई।
By Brajesh Shukla
Edited By: Brajesh Shukla
Publish Date: Mon, 15 Mar 2021 11:56:13 AM (IST)
Updated Date: Mon, 15 Mar 2021 11:56:13 AM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। संस्कारधानी जबलपुर निवासी फोरम फॉर ट्रेफिक सेफ्टी एंड एनवायरमेंट सेनीटेशन के चेयरमैन ज्ञानप्रकाश ने विदेश प्रवास के दौरान जो कुछ बेहतर सीखा उसे भारत में लागू कराने की दिशा में सक्रिय हैं। वे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में समय-समय पर विभिन्न जनहित याचिकाएं दायर कर चुके हैं। उनकी जनहित याचिकाओं पर दिशा-निर्देश भी जारी हुए। इस बार वे भारत की सड़कों में बाएं तरफ पैदल चलने के नियम को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उनकी विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई होनी है। सेवानिवृत्त अभियंता ज्ञानप्रकाश की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ व जस्टिस एमआर शाह की युगलपीठ के समक्ष सुनवाई होनी है।
परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही : जनहित याचिका में कहा गया है कि कायदे से सड़क पर वाहनों की दिशा के विपरीत दाईं तरफ पैदल चलना सुरक्षित होता है। लेकिन भारत में लंबे समय से बाईं तरफ पैदल चलने का नियम चला आ रहा है, जो कि दुर्घटना का सबब बनता है। विशेष अनुमति याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश सहित देश भर में परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। भारत में सड़क परिवहन नित्रंत्रण के लिए बनाया गया मोटर वीकल एक्ट-1988 वर्ष 1968 में विएना में हुए सड़क परिवहन संबंधी अंतरराष्ट्रीय समझौते से प्रेरित है। समझौते के अनुसार पैदल चलने वालों को सड़क के दाईं ओर और वाहनों को बाईं ओर चलना चाहिए, जिससे पैदल चलने वाले सामने से आ रहे वाहनों को स्पष्ट रूप से देख सकें। लेकिन इसका पालन न होने से हर साल हजारों बेकसूर लोगों की जान जा रही है। बेलगाम यातायात-बेलगाम मौतें भारत की सड़कों की दर्दनाक हकीकत है, इसे लेकर ज्ञानप्रकाश खासे चिंतित हैं।