जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। कक्षा नवमीं से 12वीं तक के विद्यार्थी यानी किशोरावस्था या टीनएजर्स। इस दौरान इस उम्र के विद्यार्थियों में कई शारीरिक व मानिसक परिवर्तन होते हैं। जिनके कारण उनके मन में जिज्ञासाएं भी उत्पन्न होती हैं। परिणामस्वरूप इस उम्र के विद्यार्थियों को लगने लगता है कि उन्हें कोई समझता नहीं। वो अकेले हो गए हैं। इसका असर उनकी पढ़ाई और अन्य गतिविधियों पर भी पड़ता है। इन विद्यार्थियों को समझने व उनकी समस्याओं का हल खोजने के लिए मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उमंग नामक एक श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है।
शुरुआत में जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत उमंग वीडियाे श्रृंखला संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत हर शनिवार को किसी एक विषय पर बच्चों को एक वीडियो दिया जाता है। उदाहरण के लिए- संतुलित आहार विषय पर वीडियो बच्चों को दिया गया। इस वीडियो की लिंक में एक ओर जहां संतुलित आहार के संबंध में सभी जानकारियां थीं तो वहीं एक फीडबैक फॉर्म और प्रश्न पूछने का स्थान भी था। इस विषय से संबंधित अगर कोई प्रश्न या जिज्ञासा विद्यार्थी के मन में है तो वह उसमें लिख सकता है। जिसका जवाब अगले शनिवार को उन्हे विषय विशेषज्ञ द्वारा दिया जाता हैै। किशोरावस्था से जुड़े ऐसे ही कई विषयों को इस वीडियो की श्रृंखला में शामिल किया गया है। मॉडल स्कूल की जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम प्रभारी अंजना राणा ने बताया कि विद्यार्थी वेब पेज पर ही विषय से सबंधित प्रश्न टाइप करके पूछ सकते हैं। जिसके उत्तर अगले सप्ताह लिंक पर ही दर्शाए जाते हैं। विद्यार्थियों द्वारा इस श्रृंंखला को काफी पसंद किया जा रहा है। और सभी उत्साह से इसमें सहभागिता भी कर रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि यह आयोजन काफी उपयोगी है।