
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। पश्चिम मध्य रेल की सीमा में चल रहीं रेलवे की योजनाओं से लेकर स्टेशन के विकास कार्यों की हकीकत जानने के लिए शुक्रवार को जबलपुर में सांसदों की बैठक होने जा रही है। इसमें 14 सांसदों ने शामिल होने की स्वीकृति दी है। बैठक में सतना, सिंगरौली, रीवा, पन्ना और नागौद के किसानों को जमीन के बदले नौकरी देने के वादे से रेलवे के मुकारने के बाद मचे हंगामे का मुद्दा भी उठेगा। सूत्रों के मुताबिक हजारों किसान और उनके स्वजन द्वारा पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन, हड़ताल और रेलवे का काम बंद किया जा रहा है। इस पर रेलवे के रवैए से कई सांसद नाराज भी हैं।
इसलिए बढ़ा रेलवे के प्रति गुस्सा
जबलपुर रेल मंडल ने ललितपुर पन्ना से सीधी तक नई रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इसके लिए हजारों किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई। इसमें 2019 से पहले जिन किसानों की जमीन ली गई, उनके परिजनों को नौकरी दी जानी थी। इसके लिए उम्मीदवारों की सूची जारी हुई। दस्तावेजों की जांच और मेडिकल तक का काम पूरा हो गया। जब ज्वाइनिंग देने की बात आई तो रेलवे मुकर गया। अब उम्मीदवारों नौकरी के लिए प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे हैं। यहां तक की उक्त परियोजनाओं को काम भी रोक दिया गया है।
100 से ज्यादा स्टेशन सीमा में शामिल
पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडल की सीमा में आने वाले रेलवे स्टेशन से लगे जिलों के सांसदों की बैठक कराता है। इस बैठक में सांसद यात्री सुविधा से लेकर रेलवे के कामों की समीक्षा करते हैं। स्थानीय होटल में यह बैठक होगी। इधर, जबलपुर मंडल की सीमा में आने वाले 100 से ज्यादा रेलवे स्टेशन की सीमा में 17 सांसद आते हैं, जिसमें इस बार 14 सांसदों ने आने की सहमति दे दी है।
इन विषयों पर होगी चर्चा
-जबलपुर और सतना रेलवे स्टेशन को विकसित करने रेलवे लगभग 500 करोड़ खर्च कर रहा है, इस पर क्या योजना तैयार है।
- जबलपुर समेत 100 स्टेशनों में अभी भी लोगों की मांग पर कई ट्रेनों का ठहराव नहीं दिया गया है।
- कई स्टेशनों में अभी तक फुटओवर ब्रिज बनाने का काम पूरा नहीं हो सकता है।
- कई स्टेशनों पर कई नई ट्रेनों के ठहराव को लेकर भी अभी तक लोगों की मांग पूरी नहीं हुई
- कई नई ट्रेनों को चलाने को लेकर भी लोगों की मांग पर रेलवे ने विचार नहीं किया गया है।