जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेल दुर्घटनाओं के बाद रेलवे हादसे वाली जगह पर राहत कार्य तो समय पर पहुंचा देता है, लेकिन घटना के बाद जांच करने में उसकी रफ्तार इतनी सुस्त है कि महीनों बाद भी घटना के कारणों का पता नहीं चल पाता। दरअसल एक माह पूर्व जबलपुर रेल मंडल के इटारसी-जबलपुर रेल खंड के बोहानी रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन के कोच पटरी से उतर गए थे, लेकिन इसका दोषी कौन था, इसका पता अब तक नहीं चल सका है। हालांकि घटना की वजह पटरी पर लोहे का टुकड़ा रखना सामने आया, पर अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इसे किसने रखा, पटरी के पास लोहा कहां से आया, पटरी की सुरक्षा के लिए गश्त करने वाले कहां थे और पटरी तक लोहा कैसे पहुंचा। यह सवाल रेलवे की संरक्षा और सुरक्षा, दोनों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
रेलवे की जांच पूरी, जीआरपी की अधूरी : जबलपुर रेल मंडल ने मामले की जांच करते हुए यह बताया कि पटरी पर लोहा रखा गया था, लेकिन जैसे ही उसे इस बात का संदेह हुआ कि इस घटना में किसी रेल कर्मचारी के शामिल होने संदेह है तो उसने विस्तृत जांच का काम जीआरपी को सौंप दिया। इधर जीआरपी ने भी मामले की जांच करते हुए कई सवालों के जवाब हासिल कर लिए हैं, लेकिन अब तक इसकी जांच पूरी नहीं हो सकी है। जीआरपी का कहना है कि वह दोषियों तक पहुंच चुका है, लेकिन अभी कुछ और सवालों के जवाब लेना बाकी है, इसलिए अभी जांच पूरी नहीं हो सकी।
कर्मचारियों के बीच का विवाद, मुख्य वजह : सूत्रों के मुताबिक इस घटना में जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के कुछ कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना है। दरअसल घटना के कुछ दिन पूर्व इंजीनियरिंग विभाग के कुछ कर्मचारियों के बीच विवाद हुआ, जिसके कुछ दिन बाद यह घटना हो गई। इतना ही नहीं जिस व्यक्ति ने पटरी पर लोहा रखा, उसने प्वाइंट लॉक होने के दौरान ही लोहा रखा। उसे इसका पता था कि ट्रेन आ रही है। इतना ही नहीं लोहा रखने के पहले मेन लाइन से एक सुपरफास्ट ट्रेन भी गुजरी थी।
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रेल दुर्घटना की जांच करने के लिए एडिशनल एसी जांच कर रहे हैं। सभी पहलुओं को खास तौर पर जांचा जा रहा है ताकि घटना की वजह और दोषी को सबूत के साथ पकड़ा जा सके। जल्द ही हम इस मामले की जांच पूरी कर लेंगे।
- एसके जैन, एसआरपी, जीआरपी जबलपुर