Jabalpur Railway News : जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। तापमान दिनों-दिनों उछाल मार रहा है। इस गर्मी में ट्रेन का सफर और कठिन हो गया है। ऐसे में यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है। उन्हें स्टेशन पर प्यास बुझाने के लिए ठंडा पानी नहीं मिल रहा। मजबूरी में इन्हें 15 रुपये में एक लीटर पानी स्टेशन से खरीदकर पीना पड़ रहा। इधर आइआरसीटीसी ने यात्रियों को ठंडा और सस्ता पानी स्टेशन में उपलब्ध कराने के लिए वाटर वेडिंग मशीनें लगाई हैं, लेकिन मौजूदा हालात यह है कि इनमें से अधिकांश खराब हो चुकी हैं। जो चल रही हैं, उनमें भी तय दाम पर पानी नहीं मिल रहा। इन परेशानी को देखते हुए अब रेलवे ने आइआरसीटीसी से यह जिम्मेदारी वापस ले ली है। अब स्टेशन पर नए सिरे से वाटर वेडिंग मशीनें लगाई जाएंगी, लेकिन इस बार यह जिम्मेदारी रेलवे का कमर्शियल विभाग उठाएगा।
जबलपुर रेलवे स्टेशन समेत पूरे पश्चिम मध्य रेलवे जोन में 18 अक्टूबर 2017 को तात्कालीन रेल मंत्री ने वाटर वेडिंग मशीनों का शुभारंभ किया था। जबलपुर स्टेशन में ही आठ से दस वाटर वेडिंग मशीनें लगाई गईं। वहीं मदनमहल, कटनी, सतना, रीवा, दमोह, सागर समेत सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन पर ये मशीनें लगाई गईं। इन्हें लगाते वक्त ट्रेन के स्लीपर और जनरल कोच में सफर करने वाले यात्रियों की सुविधा का खास ध्यान रखा गया। इन मशीनों का संचालन आइआरसीटीसी ने हैदराबाद की निजी कंपनी को सौंपा, लेकिन वह इस काम काे नहीं कर सकी। सूत्रों के मुताबिक कंपनी पर आइआरसीटीसी के लाखों रुपये बकाया है। यही वजह है कि अब इस कंपनी से यह जिम्मेदारी वापस ली जा रही है।
वाटर वेडिंग मशीनों की मदद से दो रुपये से लेकर 20 रुपये तक का पानी दिया जा रहा इनमें एक लीटर बंद बोतल पानी आठ रुपये का है, वहीं बाजार में यह पानी की कीमत 15 से 20 रुपये हैं। 20 से 25 रुपये में पांच लीटर पानी दिया जाता है। वर्तमान में अधिकांश वाटर वेडिंग मशीनें खराब हो गई हैं, जो चल रही हैं, उसमें खाली बाटल ही नहीं है। यात्री को यहां से पानी लेने के लि अपने साथ बाटल लानी पड़ती है। इधर इन मशीनों में काम करने वाले कर्मचारियों को कंपनी द्वारा समय पर वेतन न देने की वजह से विवाद और बढ़ गया है।
स्टेशन पर पीने के पानी की हकीकत :
- गिरती के वाटर कूलर लगाए गए हैं, जिसमें से धीमी गति से पानी आती है
- अधिकांश नलों से गर्म पानी आ रही है तो कई नल बंद पड़े हैं
- रेलवे का पानी 15 रुपये प्रति लीटर खरीदकर पीना पड़ रहा है
- पानी पीलने के लिए प्याउ बनाए गए हैं, लेकिन इनकी संख्या कम है
- रेलवे ने अभी तक चलती ट्रेन में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की है