जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेलवे इन दिनों ट्रेनों में यात्री सुविधा के साथ ट्रेनों की रफ्तार बढाने में भी जुटा है। इस काम में पश्चिम मध्य रेलवे को बड़ी सफलता मिली है। इसका फायदा जबलपुर, भोपाल और कोटा सीमा से गुजरने वाली यात्री ट्रेनों को मिलना शुरू हो गया है। दरअसल पमरे ने सुरक्षा मानकों को देखते हुए कई रेल लाइन के कुछ हिस्सों पर परमानेंट स्पीड रिस्ट्रिक्शन यानि स्थाई गति प्रतिबंध लगाए थे, जिसे हटा दिया गया है, जिसके बाद ट्रेनें 110 किलोमीटर की हाई स्पीड से दौड़ने लगी हैं।
15 साल से लगे थे प्रतिबंध: ट्रेनों की रफ्तार और संचालन के लिए पमरे ने पीएसआइ को इन गतिरोध को हटाने कहा था, जिसकी वजह से पिछले 10 से 15 वर्षों से पमरे के रेल खंडों पर ट्रेन संचालन की गतिशीलता प्रभावित हो रही थी। स्थाई गति प्रतिबंध के हटते ही जबलपुर रेल मंडल के बीना कटनी खंड में 40 किलोमीटर प्रति घंटे का प्रतिबंध हटा दिया गया। वहीं रतनगांव-सगोनी घाट खंड के बीच प्रतिबंध हटाने से ट्रेनों की स्पीड बढ़कर 110 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई है।
यहां भी मिला फायदा :
जबलपुर- पमरे ने 12 गतिरोध को रेलवे ट्रैक से हटाया है, जिसके बाद जबलपुर रेल मंडल की सीमा में आने वाले झकेही-कैमोर खंड के नानवारा और मेहगांव स्टेशनों की यार्ड रीमॉडलिंग वर्क को पूरा कर 15 किमी प्रतिघंटा की गति प्रतिबंध को हटा दिया गया है।
भोपाल- भोपाल रेल मंडल की बात करें तो डिवीजन के बीना खंड और गुना-ग्वालियर खंड में क्रमश: 110 किलोमीटर प्रति घंटे और 100 किमी प्रति घंटे की गति से प्रतिबंध हटा को दिया गया है, जिससे इस खंड पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ी।
90 प्रतिबंध, 12 हटाए : पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ राहुल जयपुरिया ने बताया कि जबलपुर, भोपाल और कोटा रेल मंडल की सीमा में ऐसे तकरीबन 90 प्रतिबंध हैं। रेलवे बोर्ड ने हर साल 4 से 5 प्रतिबंध हटाने कहा था, लेकिन पमरे ने इस साल 12 प्रतिबंध हटा दिए हैं। यह काम गैर-इंटरलॉकिंग कार्य करने, मेगा-ब्लाक के सफल निष्पादन के बाद संभव हो सका। इन प्रतिबंध को हटाने से ट्रेनों की रफ्तार और ट्रैक की क्षमता बढ़ी है, जिससे ट्रेन के सफर का समय कम होगा।