जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। ट्रेन के रवाना होने के बाद भी उसमें चढ़ने की कोशिश कर रहे आबकारी विभाग के प्रधान आरक्षक अचानक पायदान से फिसल कर ट्रेन में ही लटक गया। यह देखकर दो रेल पुलिस के आरक्षकों ने अपनी समझदारी का परिचय देते हुए उसकी जान बचा ली।
इस संबंध में आरपीएफ कमांडेंट अरुण त्रिपाठी ने बताया कि मुंबई से गोरखपुर जाने वाली काशी एक्सप्रेस नंबर 05017 के गाड़रवारा स्टेशन से रवाना हुई। तभी वर्दी पहने एक आरक्षक दौड़ते हुए प्लेटफार्म आया और गाड़ी के एसी 3 कोच में चढ़ने का प्रयास करते हुए ट्रेन के पायदान पर पहुंचा, लेकिन उस कोच का गेट बंद था, जिसपर वह चलती गाड़ी के पायदान पर ही लटक गया और दहशत में आ गया, इसी दौरान ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली थी। जिससे प्रधान आरक्षक ने उतरने की कोशिश की, लेकिन वह उतर नहीं पा रहा था।
यह नजारा स्टेशन पर तैनात रेल सुरक्षा बल के आरक्षक विनायक राव और हरिकेश दुबे ने देखा, तो वह भी सक्ते में आ गए और उन्होंने ट्रेन के अंदर पेट्रोलिंग कर रहे जीआरपी के प्रधान आरक्षक राजा बाबू तिवारी को इसकी सूचना दी। सूचना पर राजा बाबू ने तत्काल एसी कोच में पहुंचकर गेट खोला और आबकारी के प्रधान आरक्षक को अंदर खींचा।
उत्तरप्रदेश गोरखपुर का रहने वाला था आबकारी आरक्षक: जांच के दौरान उत्तरप्रदेश गोरखपुर निवासी आबकारी में आरक्षक अनिल यादव 56 ने बताया कि वह गोरखपुर जिले में आबकारी विभाग में पदस्थ है। वह एक कार्य से गाड़रवारा आया था और लौटने के लिए काशी एक्सप्रेस से रवाना होने के लिए जब स्टेशन पहुंचा, तो गाड़ी रवाना हो चुकी थी। लेकिन रफ्तार धीमी होेने के कारण गाड़ी में चढ़ने का प्रयास किया था।