नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर: मानसून की बारिश से फिजा में ठंडक घुल गई है। बुधवार को सुबह से ही शुरू हुईं रिमझिम फुहारें दोपहर में थम गईं और इसके बाद मौसम साफ हो गया। वहीं मौसम विभाग ने गुरुवार को झमाझम बारिश की चेतावनी दी है। पिछले कुछ दिनों से हो रही मानसून बारिश से चौतरफा मानसूनी रंगत नजर आने लगी है।
बता दें कि अभी दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अपनी रफ्तार से बढ़ रहा है, जिससे अभी कुछ दिनों को बारिश का दौर जारी रहेगा। क्षेत्र में अब तक 96.9 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जो करीब साढ़े तीन इंच से ज्यादा है। ऐसे में क्षेत्र के नदी नालों का जलस्तर बढ़ गया है, कई इलाकों में जलभराव की समस्या भी सामने आयी है।
मौसम कार्यालय के अनुसार वर्तमान में ऊपरी हवा का चक्रवात गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर ऊंचाई पर बना हुआ है। साथ ही चक्रवात दक्षिण मध्य उत्तर प्रदेश पर बना हुआ है। वहां से द्रोणिका उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश, झारखंड से ओडिशा से होते हुए बंगाल की खाड़ी से जा रही है। इन सभी मौसम प्रणालियों के असर से अरब सागर से आ रही नमी से बादल बन रहे और बरस भी रहे हैं।
साथ ही मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम बनने के मिल रहे संकेतों के बीच 48 घंटे बाद तेज बारिश का अनुमान है। फिलहाल मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे के दौरान जबलपुर सहित संभाग के कटनी, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, छिंदवाड़ा आदि जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश होगी।
वहीं बुधवार को आसमान साफ होने की वजह से अधिकतम तापमान 31.3 डिग्री तक जा पहुंचा। न्यूनतम तापमान अभी भी 23 डिग्री के आसपास बना हुआ है। पिछले साल इस दिन का अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम 27 डिग्री था।
मंडला जिले में 24 घंटे में 131 मिमी (पांच इंच से ज्यादा) बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश से कई जगह जलभराव और खेतों की मेढ़ बंधान सहित दीवार गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं। बुधवार को मनर्मदा का जलस्तर भी बढ़ गया। डिंडौरी क्षेत्र में हुई भारी बारिश से मंडला में नर्मदा उफान पर आ गई। महाराजपुर के ज्वाला जी वार्ड के प्रसिद्ध मंगलेश्वर मंदिर की सुरक्षा दीवार ढह गई।