
जबलपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
मुख्य रेलवे स्टेशन की स्वच्छता व्यवस्था इन दिनों पटरी से उतर गई है। सबसे ज्यादा खराब हालात यहां के टॉयलेट के हैं। प्लेटफार्म 1 और 6 पर बने वेटिंग रूम के टॉयलेट भी समय पर साफ नहीं हो पा रहे हैं। प्लेटफार्म 1 और 2 के बाहर पेड टॉयलेट तो हैं, लेकिन इनमें भी गंदगी इतनी है कि यात्री इनका उपयोग करने की बजाय स्टेशन में टॉयलेट कर परिसर को गंदा कर रहे हैं।
मुख्य रेलवे स्टेशन परिसर में 24 घंटे के दौरान करीब 70 हजार यात्री ट्रेन में चढ़ते और उतरते हैं, लेकिन इनकी तुलना में स्टेशन में सिर्फ 4 पेड टॉयलेट हैं, जो गंदगी से भरे हैं। रात के वक्त यहां की स्थित और खराब हो जाती है।
टॉयलेट बढ़ाने की सिर्फ प्लानिंग
स्टेशन पर बेहतर टॉयलेट सुविधा के लिए यात्रियों को अभी और इंतजार करना होगा। फिलहाल स्टेशन के रिडेवलपमेंट का काम जारी है, जिसे पूरा होने में एक से डेढ़ साल का वक्त लगेगा, तब तक यहां बेहतर टॉयलेट सुविधा मिलना मुश्किल है। इन दिनों रेलवे स्टेशन पर रिडेवलपमेंट का काम चल रहा है, जिस वजह से प्लेटफार्म 1 और 6, दोनों ओर खुदा हुआ है, निर्माण सामग्री फैली है और इसका फायदा उठाकर सफाई व्यवस्था को पटरी से उतार दिया गया है।
स्वच्छता सर्वे में पिछड़ेगा जबलपुर
जबलपुर रेलवे स्टेशन की स्वच्छता को लेकर जितने भी दावे किए गए हों, लेकिन रेल मंत्रालय द्वारा हर साल होने वाले स्वच्छता सर्वे में जबलपुर का स्थान लगातार गिरता जा रहा है। हर माह स्टेशन की सफाई पर 13 लाख रुपए खर्च होते हैं, लेकिन स्टेशन परिसर पर गंदगी देखकर यात्री अब यह कहने लगे हैं कि इस बार भी स्टेशन की सफाई का स्तर पिछले साल की तुलना में खराब है। न तो गिनती के डस्टबिन रखे गए हैं और न ही पानी की सही निकासी व्यवस्था की गई हैं। यहां तक की जिन मशीनों से स्टेशन पर सफाई होती है, उसकी वायरिंग पूरे प्लेटफार्म पर फैली रहती है।
यहां रहती है ज्यादा गंदगी
- प्लेटफार्म 1 के बाहर जीआरपी थाने से लेकर पोस्ट ऑफिस तक।
- प्लेटफार्म 1 के गेट नंबर 1 से पार्सल विभाग तक की सड़क पर।
- प्लेटफार्म 1 के आरपीएफ थाने के पास बने टायलेट में।
- प्लेटफार्म 2-3 और 4-5 के आउटर और स्टॉल पर।
- प्लेटफार्म 6 के बाहर डीआरएम कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क।
- प्लेटफार्म 1 और 6 पर बने वेटिंग रूम के टॉयलेट।